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कुडनकुलम संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित

नई दिल्ली | एजेंसी: कुडनकुलम परमाणु संयंत्र अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस है. इसमें ऐसे प्रबंध किए गए हैं जो इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाते हैं. यह बात संयंत्र का विकास करने वाली रूसी कंपनी के विशेषज्ञ ने कही. संयंत्र की 1,000 मेगावाट की पहली इकाई इस समय परीक्षण के दौर से गुजर रही है.

कुडनकुलम में स्थापित एईएस92 श्रेणी के परमाणु रिएक्टर के विकासकर्ता एसपीबीएईपी के मुख्य परियोजना इंजीनियर डेनिस कोलचिंस्की ने कहा कि आधुनिक रूसी डिजाइन में सक्रिय और निष्क्रिय सुरक्षा प्रणालियों का सर्वोत्तम संतुलन है, जिसका विकास दशक भर शोध करने के बाद किया गया है.

कोलचिंस्की ने कहा, “अब हम रूस में और विदेशी साझेदारों को ऐसी ही परियोजनाएं पेश कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि कुडनकुलम परियोजना में दो स्तर की सुरक्षा का इंतजाम है. सक्रिय स्तर में जहां विद्युत प्रवर्तक चाहिए, वहीं निष्क्रिय स्तर में गुरुत्वाकर्षण जैसी प्राकृतिक शक्तियों का दोहन किया गया है.

उल्लेखनीय है कि पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के कार्यकर्ता सुरक्षा और पर्यावरणीय चिंता जताते हुए कुडनकुलम परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष परियोजना के विरोध में दाखिल याचिका रद्द कर दी थी, लेकिन सरकार को सुरक्षा की सख्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

कोलचिंस्की ने कहा कि रिएक्टर के केंद्रीय हिस्से को ठंडा रखने के लिए उसमें पानी की आपूर्ति करनी होती है, लेकिन कुडनकुलम में ऐसी व्यवस्था की गई है कि यदि किसी वजह से पानी की आपूर्ति रुक जाए तो केंद्रीय हिस्से के पिघलने की प्रक्रिया स्वत: रुक जाएगी.

उन्होंने कहा कि जापान के फुकुशिमा में हुई दुर्घटना में सुनामी के कारण डीजल जनेरेटर क्षतिग्रस्त हो गया था और इसके कारण बिजली आपूर्ति अवरुद्ध हो गई थी. परिणामस्वरूप पानी आपूर्ति प्रक्रिया भी रुक गई थी. और इसके कारण संयंत्र में रिएक्टर के गर्भ के पिघलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.

उन्होंने कहा कि यदि कुडनकुलम जैसी सुरक्षा व्यवस्था फुकुशिमा संयंत्र में लगाई गई होती तो कोई दुर्घटना नहीं होती और लोग यह भी नहीं जान पाते कि फुकुशिमा क्या होता है.

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