मध्यप्रदेश में दिखा ‘आप’ का असर
भोपाल | एजेंसी: दिल्ली में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली ने मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार को सचेत कर दिया है. आप का असर पड़ने का पहला प्रमाण राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्रा का राजधानी भोपाल के अस्पतालों का औचक निरीक्षण है.
राज्य में भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनी है, इसे भाजपा द्वारा जनकल्याण के लिए किए गए कार्यो की जीत माना जा रहा है. भाजपा इसी तरह प्रचारित करने में भी लगी है. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के विकास में आम जन की भागीदारी तय करने के लिए पांच जनवरी से ‘आओ बनाएं मध्य प्रदेश’ सम्मेलन भी आयोजित करने का ऐलान किया है. सम्मेलन जिला स्तर पर होंगे.
दिल्ली में आप के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर अन्य मंत्री तक लोगों को यह अहसास दिलाने के लिए कि यह ‘आमजन की सरकार’ है, रात-दिन एक किए हुए हैं. वे लालबत्ती वाली गाड़ी, सरकारी बंगले व सुरक्षा घेरा लेने तक से दूरी बनाए हुए हैं और चमक-दमक से दूर आम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं. सरकार के मंत्री अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों और रैन बसेरों का रात में भी दौरा कर रहे हैं. एक के बाद एक जनहित के फैसले तुरंत लेकर आम आदमी की सरकार ने सबको चौंका दिया है.
दिल्ली सरकार की कार्यशैली का गुरुवार को मध्य प्रदेश में भी असर नजर आया. राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राजधानी के कई अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण कर डाला. इस मौके पर वे स्वास्थ्य अमले को हिदायतें देने के साथ आम मरीज की समस्याएं भी जानने से नहीं चूके.
मंत्री को इस आकस्मिक निरीक्षण के दौरान गड़बड़ियां साफ नजर आईं. उनका कहना है कि अधिकांश अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीं, मगर सुल्तानिया अस्पताल में सफाई व्यवस्था गड़बड़ मिली. मंत्री ने कहा कि वे आने वाले समय में पूरे प्रदेश के अस्पतालों का दौरा करेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता साधना कार्णिक का कहना है कि मंत्री का सक्रिय होना ‘आप’ का प्रभाव माना जा सकता है, मगर वे आप नहीं बन सकते क्योंकि इनकी नीतियां जनविरोधी हैं. साधना ने कहा, “इस नौटंकी से ये नकली आप नेता जरूर बन जाएंगे.”
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक का कहना है कि वास्तव में इस सरकार के काल में आम आदमी के हिस्से सिर्फ समस्याएं आ रही हैं. भाजपा अपने प्रदर्शन पर भरोसा कर चुनाव जीतना चाहती है, लिहाजा उसकी सक्रियता सिर्फ आगामी लोकसभा चुनाव तक ही नजर आएगी.
उन्होंने कहा, “हकीकत तो यह है कि देश में सबसे खराब स्वास्थ्य सेवाएं मध्य प्रदेश की हैं. मंत्री सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं.”
आम आदमी पार्टी के शरद सिंह कुमरे ने कहा कि ‘आप’ के उभरने से कांग्रेस और भाजपा को अपने अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है. आप ने उन्हें राजनीति करने के तरीके को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है.
उन्होंने कहा, “वास्तव में लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है. अगर मध्य प्रदेश की सरकार के मंत्री भी सेवक की भूमिका निभाने लगे हैं तो यह अच्छी बात है. ये यह भी जानते हैं कि अगर इन्होंने खुद को नहीं बदला तो जनता इन्हें बदल देगी.”
राज्य की बीते एक दशक की भाजपा सरकार की आकस्मिक निरीक्षण की कार्यवाहियों पर गौर करें तो इक्का-दुक्का अवसर ही ऐसे आए हैं जब सरकार के मंत्री अस्पताल व अन्य सरकारी दफ्तरों तक पहुंचे हों. यही कारण है कि मंत्री के औचक दौरे को ‘आप इफेक्ट’ माना जा रहा है.