पास-पड़ोस

मप्र में मतगणना की तैयारी पूरी

भोपाल | एजेंसी: मध्यप्रदेश में आठ दिसम्बर रविवार को होने वाली मतगणना के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव में कुल 2586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. 25 नवंबर को हुए मतदान में उनकी किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में बंद हो चुकी है. आगामी सरकार व अपनी पसंद के उम्मीदवार के चयन के लिए राज्य के लगभग 73 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है.

राज्य में परंपरागत तरीके से मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बार दो विधानसभा क्षेत्रों- बुधनी और विदिशा से चुनाव लड़ा है. उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री व राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर भोपाल के गाविंदपुरा क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं.

उनके अलावा इंदौर के महू से चुनाव लड़ रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विदिशा के सिरोंज से मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, सागर जिले के रहली क्षेत्र से गोपाल भार्गव, ग्वालियर के भितरवार से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा, दतिया से सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा, दमोह से जयंत मलैया, और शिवपुरी से चुनाव लड़ रहीं यशोधराराजे सिंधिया की किस्मत का फैसला रविवार को होगा.

दूसरी ओर कांग्रेस के भी कई प्रमुख नेताओं की दावेदारी पर फैसला रविवार को होना है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी-भोजपुर, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह-चुरहट, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पुत्र सुंदरलाल तिवारी-रीवा, पूर्व मंत्री के.पी. सिंह-पिछोर, यादवेंद्र सिंह-टीकमगढ़, पूर्व मंत्री मुकेश नायक-पवई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह-राघोगढ़ शामिल हैं.

इधर, विंध्य व चंबल में बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी और विंध्य व महाकौशल मंे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी व जनता दल यूनाइटेड का गठबंधन त्रिकोणीय मुकाबला पेश कर रहा है.

मतगणना के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी व अव्यवस्था से बचने के लिए प्रशासनिक स्तर पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. इस दौरान निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक भी मतगणना प्रक्रिया पर नजर रखेंगे.

भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा मतदान के बाद से ही अपनी-अपनी जीत के दावे किए जा रहे है. कांग्रेस जहां सत्ता विरोधी लहर की बात कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा सरकार की जनहितकारी योजनाओं के बल पर वापसी का भरोसा जता रही है.

error: Content is protected !!