हेमराज की पत्नी ने न्यायपालिका को सराहा
काठमांडू | एजेंसी: आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर हेमराज की पत्नी ने बुधवार को न्यायालय के प्रति आभार प्रकट किया.
हेमराज बंजाडे की पत्नी खुमकला ने एक साक्षात्कार में कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके पति के हत्यारे तलवार दंपति को पांच साल बाद उम्रकैद की सजा मिलेगी.
नेपाल के अघारकाची जिले से खुमकला ने फोन पर बातचीत में आईएएनएस से कहा कि वह तलवार दंपति के लिए फांसी की सजा चाहती हैं.
उसने कहा, “फिर भी मैं संतुष्ट हूं. मैं भारतीय न्यायपालिका को मेरे पति के हत्यारे के खिलाफ मामला दर्ज करने और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर बधाई देती हूं.”
खुमकला ने आभार प्रकट करते हुए कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा न्याय मिलेगा. वे अमीर लोग हैं और हम मानते थे कि वे न्यायालय को खरीद लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”
मई 2008 में तलवार दंपति की 14 वर्षीया बेटी आरुषि नोएडा के जलवायु विहार स्थित अपने ही घर में मृत पाई गई थी. उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस ने पहले हेमराज को हत्यारा माना था, क्योंकि वह घटना के बाद से गायब था मगर अगले ही दिन उसका शव उसी फ्लैट की छत पर मिला था.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अंतत: तलवार दंपति को हत्यारा माना. गाजियाबाद स्थित एक अदालत ने सोमवार को उन्हें दोषी करार दिया और मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई.
पति की मौत के बाद खुमकला पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि उसका परिवार हेमराज की कमाई पर ही आश्रित था. उसके घर में 80 साल की मां, पत्नी और 16 वर्षीय एक बेटा है.
खुमकला के मुताबिक, वे नेपाल के दूरवर्ती इलाके में रहते हैं और उसका पति काम की तलाश में 2008 में भारत गया था और तलवार दंपति ने उसे काम पर रखा था.
खुमकला ने आईएएनएस को बताया कि हेमराज को 5,000 रुपये प्रति महीना दिए जाते थे. वह नेपाल में अपने परिवार को अक्सर पैसे भेजा करता था.
उसकी मौत के बाद परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.
खुमकला की हेमराज से आखिरी बार बातचीत उसकी मौत के दो महीने पहले हुई थी.
उसने कहा, “उन्होंने मुझे कुछ पैसे भेजने का वादा किया था और जल्द आने की बात कही थी, जो पूरी नहीं हो सकी. न वह घर आए, न पैसा.”
हेमराज का बेटा प्रज्जवल भी फेफड़े के रोग से जूझ रहा है और खुमकला का दायां हाथ काम नहीं करता.
वह कहती है, “मैं हर दिन हेमराज को याद करती हूं लेकिन मैं क्या कर सकती हूं? मैं अनपढ़ हूं, कोई ढंग की नौकरी नहीं कर सकती. मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि कोई व्यवसाय शुरू कर सकूं.”
फिलहाल हेमराज के परिवार का गुजर-बसर खेती से होने वाली आय से होता है, जो बहुत कम है. रिश्तेदार अक्सर कुछ मदद कर देते हैं.
खुमकला ने कहा, “हेमराज फोन पर मुझे बताया करता था कि राजेश गुस्सैल स्वभाव के हैं और बेहद जल्द उस पर नाराज हो जाते हैं. लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा कि वह कभी अपनी बेटी और मेरे पति की हत्या कर देंगे.”
खुमकला कहती है कि वह न्यायपालिका और पत्रकारों की आभारी है जिन्होंने मामले को आगे बढ़ाया.
वह हेमराज पर लगे आरोप को खारिज करते हुए वह कहती है, “उनमें कोई बुरी लत नहीं थी. वह शराब नहीं पीते थे. वह बेहद सीधे और शालीन व्यक्ति थे.”