खाद्य वस्तुएं हुईं महंगी
नई दिल्ली | एजेंसी: देश में थोक वस्तुओं की कीमतों पर आधारित महंगाई दर अक्टूबर में आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इस अवधि में महंगाई दर सात फीसदी दर्ज की गई है. सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई में वृद्धि ईंधन, खाद्य और उत्पादन सामग्री की ऊंची कीमतों की वजह से हुई है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा यहां जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर देश में मापी जाने वाली महंगाई पिछले महीने 6.46 फीसदी थी और पिछले साल की इसी अवधि में यह 7.32 फीसदी थी.
खाद्य सामग्रियों की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 18.19 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसमें सितंबर महीने में 18.4 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
अगस्त महीने में मंहगाई 6.1 फीसदी से 6.99 फीसदी हो गई थी.
सितंबर के 10.08 फीसदी की तुलना में अक्टूबर महीने में ईंधन की कीमत में 10.33 फीसदी की वृद्धि हुई है.
उत्पादन सामग्रियों की कीमतों में पिछले महीने की 2.03 फीसदी की तुलना में 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने मासिक आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई निराशाजनक संकेत है.
कपूर ने कहा कि महंगाई में वृद्धि यह संकेत देती है कि आगे अर्थव्यवस्था के लिए समय मुश्किलों भरा होगा.
पिछले साल की समान अवधि के 4.66 फीसदी के मुकाबले इस वित्त वर्ष में अभी तक महंगाई दर बढ़कर छह फीसदी रही थी.
कपूर ने कहा, “मूलभूत वस्तुओं और खाद्य वस्तुओं की कीमतों की वजह से महंगाई का दबाव बढ़ रहा है, जो इस साल अच्छा मानसून रहने के बावजूद अस्पष्ट है. अब तक प्रभाव स्पष्ट हो जाना चाहिए था.”
सब्जियों की कीमतें पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अक्टूबर में 78.38 फीसदी बढ़ गई हैं. प्याज की कीमत 278.21, फलों की 15.94 फीसदी अंडा, मांस और मछली की कीमत इस अवधि में 17.47 फीसदी बढ़ गई है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई अक्टूबर में 10.09 फीसदी हो गई है जो कि पिछले साल इसी महीने 9.84 फीसदी थी.
खुदरा बाजार में सब्जियों की कीमतों में 45.67 फीसदी की वृद्धि हुई है.