आसाराम के साम्राज्य का अंत
अहमदाबाद | एजेंसी: रेप के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम को अब गुजरात पुलिस रिमांड पर लेना चाहती है. वहीं आसाराम के पुत्र नारायण साईं अबी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. अहमदाबाद पुलिस वारंट लेकर जोधपुर पहुंच रही है. पुलिस कोर्ट से आसाराम की कस्टडी लेगी.
मंगलवार को आसाराम ने सर्वोच्य न्यायालय से गुहार लगाई थी कि मीडिया में उनके तथा परिवार के बारे में दिखाई जा रही काल्पनिक खबरो को रोका जाये.
30 सितंबर को आसाराम को जोधपुर के कोर्ट ने 11 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में ऱखने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ आसाराम के वकील राम जेठमलानी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में जमानत के लिये अर्जी दी थी. राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
ज्ञात्वय रहे कि विदेश भागने से रोकने के लिये नारायण साईं के खिलाफ पुलिस लुक आऊट नोदिस पहले ही जारी कर चुकी है. इस बात की आशंका है कि नारायण साईं नेपाल भाग सकते हैं.
आसाराम पर आरोप
20 अगस्त को 16 वर्षीय लड़की ने जोधपुर के नजदीक स्थित उनके आश्रम में आसाराम द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला दर्ज कराया था. आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित उनके आश्रम से गिरफ्तार कर एक सितंबर को जोधपुर जेल भेज दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी के फौरन बाद आसाराम ने न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी जिसे चार सितंबर को खारिज कर दिया गया था.
नारायण साईं पर आरोप
पीड़िता ने आसाराम के बेटे नारायण साईं पर आरोप लगाया है कि ‘अपने मां-बाप की तरह हम भाई-बहन भी आसाराम और नारायण साईं में श्रद्धा रखते थे और उनके अनुयायी थे. 2001 के दिसंबर महीने में मैं, मेरी बहन, मेरा भाई और मम्मी-पापा साईं और बापू के दर्शन के लिए उनके आश्रम में गए. शिविर के पहले दिन सत्संग पूरा होने के बाद मैं भक्तजनों के साथ कतार में खड़ी थी. आसाराम और नारायण साईं बारी-बारी से वहां से गुजर रहे थे. भक्तों को प्रसाद दे रहे थे. उसी वक्त नारायण साईं ने पास आकर मेरा नाम और पता पूछा. मुझे प्रसाद देकर उन्होंने मेरा हाथ दबाया. अगले दिन बड़े भगवान यानि नारायण साईं ने फिर से प्रसाद देकर मेरा हाथ पकड़कर कहा कि मेरा मेघनगर में तीन दिन का प्रोग्राम है, तुम भी और लड़कियों के साथ आ जाओ तो मजा आ जाएगा’.
एक के बाद एक लगते आरोपों से आसाराम तथा उनका परिवार बुरी तरह से फंस गया है. उनके ज्यादतर आश्रमों में पुलिस की दबिश जारी है. इससे आसाराम के साम्राज्य का ध्वंस होना तय है.