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तेलंगाना से आंध्रप्रदेश में हाहाकार

हैदराबाद | एजेंसी: तेलंगाना राज्य के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से संपूर्ण आंध्रप्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. रेलगाड़िया नही चल पा रही है तथा अस्पतालों में भी बिजली गुल है. बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ एक और दौर की बातचीत करने वाले हैं.

आंध्र प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की संयुक्त कार्य समिति चाहती है कि आंध्रप्रदेश को विभाजित न किया जाये. हालांकि सरकार ने तेलंगाना के विरोध में सीमांध्र में जारी हिंसा और प्रदर्शनों के बावजूद राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना से इनकार किया है. ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि एस्मा लगाया जा सकता है.

वहीं तेलंगाना पर मंत्री समूह का पुनर्गठन हुआ है. इस हाई फ्रोफाइल समूह में गृहमंत्री सुशील शिंदे, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश बतौर सदस्य शामिल हैं.

तेलंगाना
भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होने वाला प्रस्तावित राज्य है. हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया जाएगा. यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक राजवाडे के तेलुगूभाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है. ‘तेलंगाना’ शब्द का अर्थ है – ‘तेलुगूभाषियों की भूमि’.

एस्मा
आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून हड़ताल को रोकने हेतु एस्‍मा लगाया जाता है. एस्‍मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य माध्‍यम से सूचित किया जाता है. एस्‍मा का नियम अधिकतम ६ माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर १८९८ के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के उपरान्‍त इस आदेश से सम्‍बन्‍धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफतार किया जा सकता है.

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