छत्तीसगढ़ में मारे गये 96 माओवादी
रायपुर | संवाददाता: माओवादियों ने माना है कि पिछले साल भर में छत्तीसगढ़ में 96 माओवादी मारे गये हैं. उन्होंने कहा है कि पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में बड़ी संख्या में उनकी महिला सदस्य मारी गई हैं. माओवादियों ने कई मुठभेड़ को कथित तौर पर फर्जी कहा है. हालांकि सुरक्षाबलों के मुठभेड़ के बाद आम तौर पर माओवादी हरेक मुठभेड़ के फर्जी होने का दावा करते रहे हैं.
28 जुलाई से 2 अगस्त तक मारे गये लोगों के लिये शहीद स्मृति सप्ताह भी मनाने की भी घोषणा की गई है.
माओवादियों ने अपने एक बयान में कहा है कि पिछले साल भर में बिहार-झारखंड (बीजे) में 3, बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड में 1, दंडकारण्य (डीके) में 96, आंध्र-ओडिशा बार्डर (एओबी) में 14, तेलंगाना में 1, ओडिशा में 3, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) इलाके में 2 और आंध्रप्रदेश में 1 माओवादी की मौत हुई है.
मारे गये लोगों में 39 महिलायें भी शामिल हैं.
5 डीवीसी सदस्य
माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि मारे गये लोगों में 5 डीवीसी सदस्य-एओबी की मीना (प्रमीला, मलकानगिरी), डीके की बंदो लक्के (रोशनी, पीएलजीए बटालियन), ताती भीमा (सूर्या, डीके इंस्ट्रक्टर टीम का प्रभारी), कमला नरोटी (रामको, दक्षिण गढ़चिरोली) सागेन (जमुना, बालाघाट) शामिल हैं.
इसके अलावा 20 एसी-पीपीसी के सदस्य, 20 पीएलजीए सदस्य, 8 जीपीसी सदस्य, आरपीसी अध्यक्ष व सदस्य के साथ-साथ, 2 जनसंगठन से माओवादी, 42 जन मिलिशिया के कमांडर व सदस्य और 13 आम जनता शामिल हैं.
माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि उनके 9 साथियों का ब्यौरा अब तक नहीं मिला है.
माओवादियों ने कहा है कि पुलिस के साथ मुठभेड़ में 40 माओवादी और एंबुश में 3 माओवादी मारे गये हैं. माओवादियों ने कहा है कि 15 महिला सदस्यों सहित 64 लोगों को झूठी मुठभेड़ में मारे गये हैं. पीएलजीए के हमले में दो माओवादी मारे गये हैं.
बयान के अनुसार 6 माओवादी अस्वस्थ्ता के कारण, जबकि एक माओवादी बुढ़ापे के कारण और 4 माओवादियों को दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवानी पड़ी है.