हज भगदड़ में 717 मरे
मक्का | समाचार डेस्क: मक्का के पास मीना में हज के दौरान भगदड़ मचने से 717 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा करीब 719 लोग घायल हो गए. घायलों में एक भारतीय भी शामिल है. सऊदी अरब के नागरिक सुरक्षा निदेशालय के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर बताया गया है कि मृतकों की संख्या बढ़कर 453 हो गई है. इनमें अलग-अलग देशों के नागरिक शामिल हैं. 719 हजयात्री घायल हुए हैं.
सऊदी अरब के नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, हादसा मक्का से पांच किलोमीटर दूर मीना नाम की जगह पर हुआ है.
बीते नौ साल में हज के दौरान भगदड़ की घटना नहीं हुई थी. अभी यह साफ नहीं हो सका है कि भगदड़ की वजह क्या थी? इस साल हज यात्रा के दौरान यह दूसरा बड़ा हादसा है. 11 सितंबर को मक्का की मुख्य मस्जिद में क्रेन गिरने से 107 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 11 भारतीय शामिल थे.
करीब 4,000 कर्मी और 200 आपात वाहन राहत और बचाव अभियान में लगाए गए हैं.
केरल के गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने मीडिया को बताया कि लक्षद्वीप का एक हजयात्री घायलों में शामिल है.
सऊदी नागरिक सुरक्षा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गई तस्वीरों में बचावकर्मियों से घिरे जख्मियों को स्ट्रेचर पर देखा जा सकता है.
‘बीबीसी’ की रपट के मुताबिक, बचाव कार्य जारी हैं. हादसा ईद-उल-अदहा पर्व के पहले दिन हुआ है.
राहतकर्मियों को घायलों को व्हीलचेयर पर ले जाते देखा जा रहा है. हर तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही है.
करीब 20 लाख लोग हज करने के लिए गए हैं. इनमें 1,36,020 भारतीय हैं.
हज के दौरान सबसे भीषण हादसा 1990 में हुआ था जब भगदड़ में 1,400 से ज्यादा हजयात्रियों की मौत हुई थी.
इस बारे में विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं कि गुरुवार का हादसा किस जगह पर हुआ.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, सऊदी नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने बताया कि भगदड़ शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान हुई.
हजयात्री एक खंभे पर कंकड़ फेंकते हैं जिसे शैतान का प्रतीक माना जाता है.
लेकिन, अल जजीरा की रपट के अनुसार, हादसा मीना में हजयात्रियों के शिविरों के बीच की एक सड़क पर हुआ. इस सड़क को सड़क नंबर 204 कहा जाता है. रपट में साफ किया गया है कि हादसा शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान नहीं हुआ है.
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हादसे पर शोक जताया है और कहा है कि वे मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. दोनों नेताओं ने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की.
25 साल में 2700 मरे
हजयात्रा के दौरान हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है. गुरुवार का हादसा इसकी एक कड़ी ही कहा जाएगा. बीते 25 साल पर नजर डालें तो पता चलता है कि हजयात्रा के दौरान भगदड़ों में 2700 से अधिक हजयात्रियों की मौत हुई है.
खलीज टाइम्स के मुताबिक 1990 से अभी तक हुए हादसों में कुल 2788 हजयात्रियों की मौत हुई है.
12 जनवरी 2006 को हज के आखिरी दिन मीना में हुई भगदड़ में 346 हजयात्री मारे गए थे.
1 फरवरी 2004 में शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 250 लोगों की मौत हो गई थी.
11 फरवरी 2003 को शैतान को कंकड़ मारने के इसी अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 15 लोगों की और 5 मार्च 2001 को 35 लोगों की मौत हो गई थी.
9 अप्रैल 1998 को जमारात पुल पर हुए हादसे में 118 हजयात्री मारे गए थे.
23 मई 1994 को शैतान को कंकड़ मारने के अनुष्ठान के दौरान मची भगदड़ में 270 हजयात्रियों की मौत हो गई थी.
सबसे भयावह हादसा 2 जुलाई 1990 को हुआ था. इसमें मक्का से मीना और अराफात के मैदान तक जाने वाली राहगीरों की सुरंग में भगदड़ मचने से 1426 हजयात्रियों की मौत हो गई थी.