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14 नवंबर से धान खरीदी लेकिन फसलों का सत्यापन अभी तक नहीं

रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू हो रही है. इसमें अब मात्र 4 दिन ही शेष हैं, लेकिन अभी तक फसलों का भौतिक सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ है. जबकि 31 अक्टूबर तक काम खत्म करने के निर्देश जारी हुए थे. समय पर काम पूर्ण नहीं होने के कारण अभी भी सत्यापन का काम जारी है.

भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी पटवारियों को सौंपी गई है.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में पटवारियों द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट सौंपी गई थी, उसी रिपोर्ट के लगभग 5 प्रतिशत खसरों का ही कृषि विभाग द्ववारा भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है.

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फसलों का भौतिक सत्यापन करने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं.

इससे गिरदावरी के दौरान जो रिपोर्ट तैयार की गई है, वह फसलों के भौतिक सत्यापन से प्रमाणित होगी. दूसरा, धान उपार्जन के दौरान धान की री-साइकलिंग को नियंत्रण किया जा सकेगा.

फसल के साथ पटवारी की फोटो जरुरी

भौतिक सत्यापन के लिए पटवारियों को चयनित गांव और खसरा का विवरण दिया गया है.

पटवारी उसी चयनित गांव में जाकर एप के माध्यम से उक्त खसरा नंबर की फसल का अलग-अलग दो कोण से फसल के साथ खुद की फोटो खींचकर पीवी एप में अपलोड कर रहे हैं.

इस फोटो के साथ खसरा नंबर, ग्राम, ब्लॉक, और किसान का नाम व विवरण भी अपलोड करना है.

अभी भी 20 फीसदी काम बाकी

राज्य सरकार ने फसल गिरदावरी और भौतिक सत्यापन में तेजी लाने के लिए जीपीएस आधारित मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग शुरू किया है.

इसके लिए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था. ताकि तकनीक का सही इस्तेमाल किया जा सके.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी 20 प्रतिशत फसलों का सत्यापन नहीं हुआ है. जबकि धान खरीदी को शुरू होने में मात्र 4 दिन ही शेष हैं.

ऐसे में इतने कम समय में फसलों का भौतिक सत्यापन करना विभागीय अधिकारियों के लिए आसान नहीं होगा.

निर्धारित समय में फसलों का भौतिक सत्यापन नहीं होने के कारण अब अधिकारी आनन-फानन में खेतों तक दौड़ लगा रहे हैं और फसल की गुणवत्ता, भूमि की स्थिति, और उत्पादन की संभावनाओं का निरीक्षण कर रहे हैं.

160 लाख मिट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य

राज्य सरकार द्वारा इस साल 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए अभी तक 25,75,804 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है.

पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग एक लाख किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

इसी तरह इस साल रकबा में भी लगभग दो लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है. इस साल रकबा बढ़कर 32,50,123.917 हो गया है.

धान के लिए पंजीयन में पिछले साल के पंजीकृत किसान 25,27,301 हैं तथा नए पंजीकृत किसानों की संख्या 38,793 और संस्थागत पंजीयन 142 है.

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