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किशोर के मुंह में 232 दांत!

मुंबई | एजेंसी: सुनकर बेहद आश्चर्य होगा कि किसी के मुंह में 232 दांत! मगर यह सच है. महाराष्ट्र में चिकित्सकों ने एक किशोर के मुंह से 232 दांत निकाले हैं.

बुलधाना के रहने वाले 17 वर्षीय किशोर आशिक गवई 10 दिन पहले मुंबई के जे.जे.अस्पताल में चिकित्सक को चेहरे के दाईं ओर हुआ सूजन दिखाने आए थे.

कई तरह की जांच के बाद यह सामने आया कि उनके निचले जबड़े में दाईं ओर के द्वितीय मोलर दांत अर्थात् चबाने वाला में असामान्य वृद्धि हो रही है.

अस्पताल के दंत रोग विभाग के प्रमुख सुनंदा धीवारे-पलवानकर ने कहा, “शुरुआत में तो हमें लगा कि ऐसा हो सकता है, इसलिए हमने सर्जरी करने का निर्णय लिया.”

सर्जरी जैसे-जैसे आगे बढ़ी, उसके असमान्य मोलर दांत में उग रहे दांतों की संख्या देखकर चिकित्सकों का दल भौैंचक्का रह गया. मोलर दांत का आकार करीब 3.5 गुणा 2 सेंटीमीटर था यानी एक मार्बल के टुकड़े के बराबर.

सुनंदा धीवारे-पलवानकर ने कहा, “जब हमने दांतों को गिनती की, तो उनकी कुल संख्या 232 निकली, जो उस मोलर दांत से स्वतंत्र रूप से निकल रहे थे.”

इसके अलावा, उस मोलर दांत में पत्थर के आकार की एक रचना भी थी, जो उसके दांत को प्रभावित कर रही थी. हालांकि दंत चिकित्सकों द्वारा ड्रिलिंग मशीन के प्रयोग के बाद भी उसे नहीं निकाला जा सका.

उन्होंने कहा कि यह मैराथन ऑपरेश करीब सात घंटे चला. अपने तरह का यह पहला ऑपरेशन था और शायद ही इस अस्पताल में ऐसा कभी किया गया होगा.

धीवारे इस अवस्था को ‘विकास विसंगति’ बताते हैं. यह दूध का दांत टूटने के बाद उगे मोलर दांत को प्रभावित कर रहा था.

चिकित्सा विज्ञान में इसे ‘कॉम्प्लेक्स कंपोजिट ओडोन्टोम’ या दांत का बेनाइन ट्यूमर याने गैर कैंसर ट्यूमर कहा जाता है. इसके कारण खाने, चबाने और निगलने में परेशानी हो सकती है. साथ ही इससे चेहरे में सूजन भी हो सकती है. हालांकि इससे जान को कोई खतरा नहीं होता.

वह मुस्कराकर कहती हैं कि यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है. हालांकि इस मामले में कोई कदम आगे बढ़ाने से पहले हमलोग पहले इस पर अच्छी तरह शोध करेंगे.

आशिक पूर्वी महाराष्ट्र स्थित विदर्भ क्षेत्र के बुलधाना का रहने वाला है और दसवीं कक्षा का छात्र है. काफी सालों से उसके दांत में असमान्य वृद्धि हो रही थी, लेकिन दर्द या परेशानी न होने के कारण उसने नजरंदाज किया. बाद में दाईं ओर चेहरा सूजने और परेशानी बढ़ने के कारण वह डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचा.

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