2024 से उम्मीद
कनुप्रिया | फेसबुक
सच कहूँ तो मुझे 2024 से भी सत्ता परिवर्तन की कोई उम्मीद नहीं दिख रही, कांग्रेस का पाँव हाथी का पाँव नही रहा. विपक्ष में एकमात्र बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस मानो कहीं की नही रही, उसके पुराने पक्के वोटों के सिवा जनाधार किस धर्म और जाति में है? लगातार हार से उसकी छवि भी कमज़ोर होती जा रही है. 2024 में क्या विपक्ष उसके किसी चेहरे के पीछे एकजुट होगा?
जबकि हिंदूवादी वोट एक झंडे तले एकजुट है मगर विरोधी वोट अलग अलग खेमो में बंटा हुआ है. यही राजद और वाम जो आज महागठबंधन में साथ जुड़े हुए थे, लोकसभा में मुझे याद है राजद और उसके समर्थकों ने पूरा ज़ोर कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ ही लगाया हुआ था, जितनी पोस्ट्स कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ लिखी गईं थी उतनी कैलाश विजयवर्गीय के ख़िलाफ़ नहीं, नतीज़ा स्पष्ट ही था. अबकि यह आरोप ओवैसी की पार्टी पर है.
बंगाल में अमित शाह कह रहे हैं कि 200 से ऊपर सीटें ले जाएँगे और उनके दावे पर शंका का कोई कारण मुझे नही लगता, ध्रुवीकरण की उनकी राजनीति लगातार क़ामयाब है और विपक्ष एक दूसरे के ही ख़िलाफ़ है, सबका अपना निजी हित, निजी महत्वाकांक्षा और अस्तित्व का सवाल है.
अमेरिका में ट्रंप के हारने के एक बड़ा कारण ये भी था कि वहाँ मुख्य तौर पर 2 पार्टी हैं. हालाँकि जो लोग दोनों ही पार्टियों को पसंद नही करते वो इस 2 पार्टी सिस्टम से बहुत ख़ुश नहीं थे, यह बहस सुनने को मिली कि लोकतंत्र में और विकल्प होने चाहिए. फिर भी जो ट्रम्प के ख़िलाफ़ थे वो डेमोक्रेट्स को पसंद करते थे या नही मगर उनका वोट बाइडेन को ही गया तब सत्ता परिवर्तन हुआ. और ऊपर से तुर्रा ये कि सत्ता परिवर्तन भी महज सत्ता परिवर्तन ही है, व्यवस्था परिवर्तन नही बनता.
यहाँ भी कमोबेश यही हाल है, वर्तमान सत्ता के विरोधी किसी विशेष पार्टी के समर्थक न भी हों तब भी सत्ता परिवर्तन की उम्मीद में समर्थन में चले जाते हैं. मगर विपक्ष बंटा हुआ हो तो फिर अपनी अपनी प्राथमिकता चुनते हैं. हमारे बीकानेर में ही कांग्रेस और वाम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े थे लोकसभा में, वोट बंटने ही थे और NDA को फ़ायदा होना ही था.
तब मन मे यही सवाल आता है कि कांग्रेस के कमज़ोर होते जाने के बाद वो कौनसी नेतृत्व कारी पार्टी है, वो कौन सा चेहरा है जिसके पीछे विपक्ष लामबंद होगा?
2024 के परिणाम चकित करने वाले होंगे ऐसा नही लगता, चमत्कार महज काल्पनिक दुनिया मे होते हैं.