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2015-16 जल-संरक्षण वर्ष

नई दिल्ली | एजेंसी: देश भर में वर्ष 2015-16 जल संरक्षण वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. इस दौरान देश भर में एक जनांदोलन चलाया जाएगा जिसमें देश के प्रत्येक जिले में जल संसाधन मंत्रालय का एक अधिकारी मौजूद रहेगा. नई दिल्ली में बुधवार को जल विपदा और जल प्रबंधन पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस कार्य में राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, सिविल सोसाइटी, युवा वर्ग और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सहयोग भी अपेक्षित है.

भारती ने कहा कि देश में जल और नदी संरक्षण के लिए एक जनांदोलन चलाया जाना बहुत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पानी विकास का एक महत्वपूर्ण अवयव है. श्राद्ध के दौरान तर्पण का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि अब गंगा का पानी कई जगहों पर पशुओं के उपयोग के लायक भी नहीं रह गया है.

देश में नदियों को जोड़े जाने की योजना पर उठाई गई आशंकाओं का उल्लेख करते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि नदियों को जोड़े जाने से पर्यावरण संतुलन और नदियों के जीव-जंतुओं को कोई नुकसान न पहुंचे.

उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़े जाने से देश में नदियों के जल की सर्वत्र उपलब्धता होगी और बाढ़ के पानी का भी समुचित उपयोग किया जा सकेगा. भारती ने कहा कि सरकार की योजना है कि इस काम को दस वर्षो में पूरा कर लिया जाए.

विलुप्त सरस्वती नदी की खोज पर मीडिया के एक वर्ग द्वारा की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए भारती ने कहा कि सरस्वती की खोज के पीछे कोई धार्मिक भावना काम नहीं कर रही है, बल्कि इससे विलुप्त सरस्वती के मार्ग पर पानी के स्रोतों का पता लगाया जा रहा है जिससे उस मार्ग पर रहने वाले किसानों को फायदा होगा.

दिल्ली में यमुना के प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए भारती ने कहा कि उनका मंत्रालय इस काम में दिल्ली सरकार को पूरा सहयोग देगा और इस बारे में वे एक-दो दिन में एक महत्वपूर्ण बैठक भी करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार के सरकारी प्रोटोकॉल को आड़े नहीं आने दिया जाएगा.

गंगा पुनरुद्धार कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए उमा भारती ने कहा कि इसे लेकर पूरा देश एकमत है. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए और साथ ही इसकी कम से कम एक धारा को अविरल बहने दिया जाए.

भारती ने कहा, “हम तीन साल के अंदर गंगा की एक अविरल धारा सुनिश्चित करेंगे. साथ यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उसमें विभिन्न स्रोतों से आने वाला प्रदूषण कम हो.” उन्होंने इस अभियान में देश के सभी वर्ग से सहयोग की अपील की.

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