राष्ट्र

हड़ताल से जन-जीवन अस्त-व्यस्त

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का देशव्यापी असर देखने को मिल रहा है. वाम संगठनों तथा इंटक के आव्हान् पर 2 सितंबर देश करीब 15 करोड़ मजदूर-कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल में बैंक तथा बीमा कर्मचारियों के शामिल हो जाने का खासा असर देखने को मिल रहा है. अँतिम समय में भाजपा की मजदूर यूनियन बीएमएस ने इससे अलग होने की घोषणा कर दी थी. इसके बावजूद हड़ताल ने देश के कई राज्यों में व्यापक असर डाला है. देश की राजधानी दिल्ली, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी इस हड़ताल का अच्छा-खासा असर देखने को मिल रहा है. राजधानी दिल्ली में सड़कों पर आटोरिक्शा नहीं चलने के चलते जन-जीवन प्रभावित हुआ है.

महाराष्ट्र भी देशभर में सरकारी, निजी सेक्टर, वित्तीय सेक्टर, बैंक, वित्तीय संस्थानों और कृषक समुदाय के 30 करोड़ कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल में शामिल रहा. एक शीर्ष आयोजक ने यहां बुधवार को कहा कि कर्मचारी सरकार की ‘कर्मचारी विरोधी’ नीतियों का विरोध कर रहे हैं. तड़के-तड़के शुरू हुई हड़ताल में सरकार, बंदरगाह, कॉलेजों के प्रोफेसर, राज्य परिवहन और अन्य सेक्टरों का एक बहुत बड़ा तबका शामिल रहा. हड़ताल से सबसे ज्यादा वित्त और व्यापार सेक्टर प्रभावित हुए, जिन पर देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई निर्भर करती है.

ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वी. उतगी ने कहा, “बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में करीब करीब पूरी तरह हड़ताल है. राज्य परिवहन की बसें लगभग सड़कों से नदारद हैं. इसी तरह मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में भी काम प्रभावित है. महाराष्ट्र के 15 लाख सरकारी कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं. प्रमुख यूनियनों से संबद्ध कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियां और कार्यालय भी बंद हैं.”

केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बुलाए गए बंद का बुधवार को पश्चिम बंगाल में आंशिक असर दिखा. कहीं कहीं से छिटपुट हिंसा की खबरें मिलीं. शहर में बड़े स्तर पर शैक्षिक संस्थान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि बस और मेट्रो रेल परिचालन सहित सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा. यात्रियों की संख्या आम दिनों से कम थी.

रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि बंद समर्थकों द्वारा कई ट्रेनें रुकवा देने की वजह से ईस्टर्न रेलवे और साउथ ईस्टर्न रेलवे दोनों से ही रेल सेवाएं प्रभावित रहीं. रेल सेवाएं अधिकांशत: हड़ताल से अछूती रहीं. टैक्सियों की कमी के चलते यात्रियों को हावड़ा और सियालदाह रेलवे स्टेशन से आने-जाने में दिक्कत हुई. मुर्शिदाबाद, हावड़ा और नॉर्थ 24 परगना में झड़प की खबरें हैं. कुछ इलाकों में वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई.

बुधवार को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सरकारी बस सेवाएं प्रभावित रहीं. हरियाणा रोडवेज की बसों के सड़कों से गायब रहने की वजह से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा. पंजाब रोडवेज के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल रहे और सेवाएं नहीं दीं.

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी परवीन कुमार ने कहा, “हम नए श्रम कानूनों का विरोध कर रहे हैं. हमारी बस मार्गो के निजीकरण का विरोध सहित अन्य स्थानीय मांगें भी हैं.”

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