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छत्तीसगढ़ में पांच साल में 1229 शेल कंपनियां

रायपुर|डेस्कः छत्तीसगढ़ में पिछले पांच सालों में 1229 शेल या फर्ज़ी कंपनियों का भंडाफोड़ हुआ है. लेकिन इन कंपनियों के बनने का सिलसिला थमता नज़र नहीं आ रहा है.

देश की बात करें तो पिछले पांच सालों में ऐसी 233566 शेल कंपनियों का पता चला. महाराष्ट्र में इसकी संख्या सर्वाधिक 36856 थी, वहीं सिक्किम में केवल एक.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन कंपनियों का कोई महत्वपूर्ण लेखा-जोखा या लेनदेन का कोई विस्तृत ब्यौरा तो नहीं है लेकिन इन कंपनियों का जाल छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में फैला हुआ है. साल दर साल इन कंपनियों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही रहा है.

पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा इन कंपनियों ने महाराष्ट्र में अपना जाल फैलाया था. इस दौरान यहां 36856 शेल कंपनियां खोली गईं. इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली का नंबर आता है. यहां 35637 कंपनी कागजों में बनीं. इस मामले में सिक्किम अपवाद रहा, जहां पांच सालों में केवल एक शेल कंपनी का पता चला.

इसी तरह लक्ष्यदीप में भी पांच सालों में मात्र चार शेल कंपनियां मिलीं.

अलग-अलग नामों से संचालित ये कंपनियां लगातार लोगों को गुमराह कर वित्तीय अनियमितता कर रहीं.

एक ही साल में आई 446 कंपनी

एमसीए-21 पोर्टल से प्राप्त आकड़े के अनुसार पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में 1229 शेल और फर्जी कंपनियों का पता चला. जिसमें साल 2022-23 में एक ही साल में सबसे ज्यादा 446 कंपनियां बनीं.

आंकड़ों के अनुसार  साल 2019-20 में 345 कंपनियां बनीं.

साल 2020-21 में कोरोना काल के चलते इनकी संख्या में जरूर कुछ कमी आई, फिर भी 47 फर्जी कंपनियों ने इस साल भी दस्तक दी.

इसके बाद वर्ष 2021-22 में 324 शेल कंपनियां बनाई गईं. साल 2022-23 में छत्तीसगढ़ में 446 कंपनियां कागजों में बन गईं. इस साल इन कंपनियों के मामले उछले तो साल 2023-24 में जरूर इसमें कमी आई, फिर भी 67 शेल कंपनियां ज़रुर बन गईं.

दिल्ली-महाराष्ट्र पहली पसंद

पिछले पांच वर्षों के दौरान धारा 248 (1) अंतर्गत पहचान की इन कंपनियों की पहली पसंद महाराष्ट्र और दिल्ली ही थे. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 36856 कंपनियों ने दस्तक दी थी. साल 2019-20 में 7619, साल 2020-21 में 2250 कंपनी, साल 2021-22 में 11662 कंपनी, वर्ष 2022-23 में 12049 और साल 2023-24 में 3276 शेल कंपनियों का पता चला.

इसी तरह दिल्ली में साल 2019-20 में 10228 शेल कंपनियां बनाई गईं. इसके बाद लाइन से साल 2020-21 में 1972, 5166,16064 फिर 2155 कंपनियों का पता चला.

इस आंकड़े में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर है. यहां पांच साल में कुल 22644 शेल या फर्जी कंपनियों का राज खुला.

इसी तरह  पश्चिम बंगाल में 20003,कर्नाटक में 19242, तमिलनाडु में 16143 और तेलंगाना में 13764 शेल कंपनियों का पता चला.

9 राज्यों में 100 से कम

देश के 9 राज्य ऐसे भी रहे, जहां 100 से भी कम शेल कंपनियां बनीं. इसमें सिक्किम में पांच साल में एक फर्जी कंपनी का पता चला.

इसके बाद लक्ष्यदीप में मात्र चार सेल कंपनियां मिलीं. लद्दाख में 10, मिजोरम में 34, नागालैंड में 73, दमन और दीप में 38, दादरा और नगर हवेली में 39 अंडमान निकोबार में 78 और अरूणाचल प्रदेश में 90 फर्जी कंपनियों का पता चला.

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