एनडीए के राज में, मनरेगा गया भाड़ में
अगरतला | एजेंसी: त्रिपुरा में सरकार ने मनरेगा योजना के तहत फंड में कटौती करने को लेकर बुधवार को नाराजगी जाहिर की और केंद्र सरकार से फंड बहाल करने का आग्रह किया है.
त्रिपुरा के ग्रामीण विकास एवं वन मंत्री नरेश जमातिया ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “पूर्व की संप्रग सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए 943.66 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. लेकिन मौजूदा राजग सरकार ने हमें बताया है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2014-15 में मनरेगा योजना के तहत 662 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.”
जमातिया ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम फंड कटौती के बारे में सूचित किया है.
जमातिया ने कहा, “केंद्र सरकार इस वित्त वर्ष में मनरेगा के क्रियान्वयन के लिए त्रिपुरा को 1,407 करोड़ रुपये देने वाली थी, लेकिन हाल में नई दिल्ली में हुई सचिव स्तर की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने हमारे अधिकारियों को बताया कि केवल 662 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.”
जमातिया ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर बेरोजगार ग्रामीणों के हित में योजना के तहत आवंटित फंड में कटौती न करने का आग्रह किया है.
उन्होंने अपने पत्र में कहा है, “यदि मनरेगा के तहत आवंटन घटाया गया तो प्रति बेरोजगार ग्रामीण घर के व्यक्ति-दिवस की संख्या अपने आप घट जाएगी.”
जमातिया ने कहा, “मौजूदा वित्त वर्ष में 513 करोड़ व्यक्ति-दिवस तय किया गया है. मनरेगा के तहत फंड कटौती ग्रामीण पूंजी सृजन को प्रभावित करेगी और रोजगार चाहने वालों में चिंता पैदा होगी.”
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव सी.के. जमातिया ने संवाददाताओं से कहा, “त्रिपुरा पिछले पांच वर्षो से मनरेगा के तहत सर्वोच्च औसत रोजगार उपलब्ध करा रहा है.”
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा ने वित्त वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय औसत 45 व्यक्ति-दिवस के मुकाबले प्रत्येक घर को 87 कार्य दिवस मुहैया कराया है.
मनरेगा के तहत प्रत्येक वित्त वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार के कम से कम एक सदस्य को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है.
मनरेगा पर देश के 644 जिलों की केंद्र सरकार की प्रदर्शन रपट के मुताबिक, दक्षिण त्रिपुरा जिला पिछले वित्त वर्ष में 97.46 व्यक्ति-दिवस के साथ शीर्ष पर रहा था.