आंध्र में आशा का मानदेय 10 हजार रुपये
हैदराबाद | डेस्क: आंध्र प्रदेश सरकार आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने 10 हजार रुपये देगी. अभी तक आशा में काम करने वाली महिलाओं को महज 3 हजार रुपये मिलते थे.
राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन ने ऐलान किया है कि राज्य में काम करने वाली आशा कार्यकत्रियों को अब 10,000 रुपये मिलेंगे. पहले यह राशि मात्र 3000 रुपये थी, जिसे अब तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया गया है.
आंध्र प्रदेश में आशा वर्कर्स के तौर पर काम करने वाली महिलाओं की संख्या 35 हज़ार के आसपास है. हालांकि रेड्डी ने कहा है कि इससे राज्य पर वित्तीय भार जरुर आयेगा. लेकिन आशा वर्कर्स के योगदान को देखते हुये इतना मानदेय दिया जाना अनिवार्यतः जरुरी था.
इससे पहले इसी साल उत्तराखंड में महिला दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने आशाओं, दाईयों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का वेतन बढ़ाया था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आशा कार्यकत्रियों का सालाना पारिश्रमिक 5 से बढ़ाकर 17 हजार रुपये किया था. लेकिन आंध्र की आशा वर्कर्स को सालाना 1 लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे.
मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी Accredited Social Health Activist जिसे संक्षेप में आशा भी कहते हैं, भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित जननी सुरक्षा योजना से संबद्ध एक ग्रामीण स्तर की कार्यकर्त्री हैं. आशा का कार्य स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से गरीब महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ प्रदान करना है.