छत्तीसगढ़

40 माइक्रॉन्स से कम मोटे पन्नी पर प्रतिबंध

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में 40 माइक्रॉन्स से कम मोटाई के कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने प्लास्टिक और उसकी रिसाईकिलिंग से बनने वाले पदार्थों और प्लास्टिक कचरे को नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 से प्रावधानों का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव विवेक ढांड ने इस संबंध में यहां मंत्रालय से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है. उन्होने जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे इस अधिनियम के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाने के लिए अपने-अपने जिलों में निगरानी समिति का गठन करें, जिसमें नगरीय निकाय, पर्यावरण संरक्षण मंडल और वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों को शामिल किए जाए.

मुख्य सचिव ने परिपत्र में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के मुख्य प्रावधानों का उल्लेख करते हुए जिला कलेक्टरों से कहा है कि कैरी बैग या तो सफेद होंगे या भारतीय मानक ब्यूरो में सूचीबद्ध रंजकों और रंगकों के अनुसार होंगें. खाद्य सामग्री के भण्डारण, परिवहन, वितरण और पैकेजिंग में पुनः चक्रित प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा. कोई भी व्यक्ति 40 माइक्रॉन्स से कम मोटाई वाले कैरी बैग का निर्माण, भण्डारण और वितरण या विक्रय नहीं करेगा. गुटखा, तम्बाखू और पान मसाला के भण्डारण, पैकिंग या विक्रय के लिए प्लास्टिक सामग्री वाले सैशे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.

इस परिपत्र के अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग 40 माइक्रॉन्स से कम मोटाई के कैरी बैग निर्माण, प्लास्टिक के पुनः चक्रित तथा गुटखा तम्बाखु आदि के उपयोग में सैशे के निर्माण पर पूर्ण रूप से नियंत्रण रखेगा. प्रत्येक प्लास्टिक कैरी बैग पर उसकी मोटाई, उसके विनिर्माणकर्ता का नाम, रजिस्ट्रेशन नम्बर की जानकारी छापना अनिवार्य होगा. फुटकर विक्रेता द्वारा कोई भी कैरी बैग उपभोक्ता को निःशुल्क नहीं दिया जाएगा. इसकी न्यूनतम कीमत संबंधित नगर पालिका द्वारा निर्धारित की जाएगी. मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को इस अधिनियम का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेने और उनके प्रभार जिलों को 40 माइक्रॉन्स के कैरी बैग और गुटखा, तम्बाखू के प्लास्टिक वाले सैशे से मुक्त करने के निर्देश दिए हैं.

यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा छह, धारा सात और धारा पच्चीस के तहत अपशिष्ट प्लास्टिक के समुचित उपयोग के लिए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली की वर्ष 2011 की अधिसूचना के प्रावधानों पर अमल की मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया है. यह समिति नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा गठित की गयी है. नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं. राज्य शासन के पर्यावरण विभाग सहित पर्यावरण संरक्षण मंडल, शहरी स्थानीय निकाय, गैर सरकारी संगठन से एक-एक विशेषज्ञ सदस्य, उद्योग क्षेत्र से एक सदस्य और शिक्षा के क्षेत्र से एक विशेषज्ञ सदस्य इस कमेटी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है. नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के संचालक इस समिति के सदस्य सचिव हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!