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भूपेश सरकार में घटी बेरोजगारी दर

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में पिछले साल की तुलना में बेरोजगारी दर में चकित करने वाले आंकड़े सामने आये हैं.रमन सिंह के कार्यकाल में पिछले साल यानी सितंबर 2018 में राज्य में बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत थी. जबकि कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में इस साल अगस्त में यह आंकड़ा 5.1 प्रतिशत है.

सेंटर फार मॉनिटरिंग आफ इंडियन इकॉनॉमी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल हुये विधानसभा चुनाव से पहले और राज्य में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद से बेरोजगारी दर के आंकड़ों में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है.

आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2018 में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 12.7, नवंबर में 5.5, और दिसंबर में 4.7 प्रतिशत थी.

इस साल यानी जनवरी 2019 में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत, फरवरी में 7.3 प्रतिशत, मार्च में 3.7 प्रतिशत, अप्रैल में 3.4 प्रतिशत, मई में 9.8 प्रतिशत, जून में 8.1 प्रतिशत, जुलाई में 5.5 प्रतिशत और अगस्त में 5.1 प्रतिशत रही है.

आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से अप्रैल 2019 के बीच छत्तीसगढ़ में लेबर पार्टिसिपेशन रेट 42. 98 प्रतिशत रहा. इस दौरान राज्य में बेरोजगारी दर 5. 52 प्रतिशत रही. इसी दौरान , स्नातक या उससे अधिक शिक्षित लोगों में बेरोजगारी की दर 10.90% रही. इसी तरह 10 वीं से 12वीं तक की पढ़ाई करने वालों में बेरोजगारी की दर 10.67 प्रतिशत थी. छठवीं से आठवीं तक पढ़े-लिखे लोगों में बेरोजगारी दर 3.79 प्रतिशत रही.

लेकिन अगर चुनाव से पहले यानी रमन सिंह के कार्यकाल की बात करें तो सितम्बर से दिसंबर 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में लेबर पार्टिसिपेशन रेट 44.70 प्रतिशत रहा. इस दौरान राज्य में बेरोजगारी की दर 11.29 प्रतिशत रही.

स्नातक या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त लोगों में बेरोजगारी की दर 15.18 प्रतिशत रही. इसी तरह 10 वीं से 12वीं तक की पढ़ाई करने वालों में बेरोजगारी की दर 18.08 प्रतिशत थी. यहां तक कि छठवीं से आठवीं तक पढ़े-लिखे लोगों में बेरोजगारी दर 13.18 प्रतिशत थी.

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