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रेल बजट में छत्तीसगढ़ को ठेंगा

नई दिल्ली | संवाददाता: अंतरिम रेल बजट में छत्तीसगढ़ को ठेंगा दिखा दिया गया है. इस रेल बजट में प्रस्तावित 19 नई रेल लाइनों में एक भी छत्तीसगढ़ के लिये नहीं हैं. छत्तीसगढ़ में न तो कोई नई रेल लाइन का प्रस्ताव है और ना ही दोहरीकरण का. इसके अलावा दूसरे लाभ के मामले में भी छत्तीसगढ़ पीछे रह गया है. हां, राहत के नाम पर अंबिकापुर से अनूपपुर के बीच एक मेमू लोकल की घोषणा की गई है.

इसके अलावा रायपुर-बिलासपुर के इलाके से दो गाड़ियां गुजरेंगी. मुंबई-हावड़ा एसी एक्‍सप्रेस (सप्‍ताह में दो दिन) बरास्‍ता नागपुर- रायपुर और हावड़ा-पुणे एसी एक्‍सप्रेस (सप्‍ताह में दो दिन) बरास्‍ता नागपुर, मनमाड़ जाएगी. लेकिन अभी यह तय नहीं है कि ये ट्रेनें छत्तीसगढ़ से तो गुजरेंगी लेकिन रुकेंगी भी या नहीं, यह अब तक तय नहीं है.

रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को अगले कारोबारी साल के लिए अंतरिम रेल बजट प्रस्तुत किया. यह उनका प्रथम और वर्तमान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का आखिरी रेल बजट है. मल्लिकार्जुन पिछले आठ महीने से ही रेल मंत्री हैं. उन्होंने रेल बजट प्रस्तुत करते हुए देश के सामाजिक आर्थिक विकास में रेलवे की भूमिका का बखान किया और कहा कि ढांचागत और वित्तीय संसाधन के अभाव के कारण यह कठिनाई से गुजर रहा है.

लीक से हटकर किए गए निर्णय के अनुसार सरकार को किराया और मालभाड़ा निर्धारित करने के संबंध में सलाह देने के लिए एक स्‍वतंत्र रेल टैरिफ प्राधिकरण की स्‍थापना की जा रही है. अब दरों का निर्धारण करना पर्दे के पीछे का कार्य नहीं होगा जहां उपयोगकर्ता गुप्‍त रूप से ही पता लगा सकते थे कि दूसरी ओर क्‍या हो रहा है.

रेल मंत्री के अनुसार रेल टैरिफ प्राधिकरण रेलवे की आवश्‍यकताओं पर ही विचार नहीं करेगा, बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्‍यम से सभी हितधारकों को भी शामिल करके एक नई कीमत निर्धारण व्‍यवस्‍था आरंभ करेगा. इससे किराया और मालभाड़ा अनुपात को बेहतर बनाने के लिए किराए और माल संरचनाओं को युक्तिसंगत बनाने का दौर आरंभ होगा और धीरे-धीरे विभिन्‍न क्षेत्रों के बीच क्रॉस सब्सिडाइजेशन को कम किया जा सकेगा.

अपने बजट में रेल मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्रों से भागीदारी करके रेलवे में निवेश बढ़ाया जा रहा है. चल-स्टॉक विनिर्माण इकाइयों, रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण, बहु-कार्यात्मक परिसरों, लॉजिस्टिक पार्कों, निजी माल-यातायात टर्मिनल, मालगाड़ी परिचालन, उदारीकृत माल डिब्बा निवेश योजना और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से संबंधित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाएं विचाराधीन हैं और 12वीं योजना में निजी निवेश के लिए भरपूर अवसर प्रदान करते हैं.

रेल क्षेत्र में घरेलू निवेशकों से निजी निवेश आकर्षित करने के अलावा विश्व स्तरीय रेल-अवसंरचना के निर्माण के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के संबंध में एक प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है. रेल भूमि विकास प्राधिकरण की स्थापना 2013-14 के बजट में 1,000 करोड़ रु. की धनराशि जुटाने के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए की गई थी. उन्होंने अभी तक 937 करोड़ रु. जुटाए हैं और आगे भी धनराशि जुटाने में प्रयासरत है.

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