राष्ट्र

नेताजी के रहस्य से पर्दा उठेगा?

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन से उनके रहस्यों पर पर्दा उठने लगेगा? इसी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा.” 23 जनवरी 2016 से प्रतिमाह नेताजी से संबंधित 25 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया जायेगा. गौरतलब है कि दूसरे विश्वयुद्ध में जापान की हार के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस 18 अगस्त 1945 को हवाई जहाज से सोवियत रूस से सहायता मांगने जा रहे थे उसी समय उनका विमान कथित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो गया. उस समय नेताजी के साथ आज़ाद हिंद फौज के कर्नल हबीबुर्रहमान भी थे. कर्नल हबीबुर्रहमान के अनुसार नेताजी गंभीर रूप से जलकर मारे गये थे तथा उनका अंतिम संस्कार ताइहोकू में कर दिया गया.

कर्नल हबीबुर्रहमान के इस कथन पर नेताजी के परिवार को भी विश्वास नहीं है. इसके बाद भारत में ‘गुमनामीबाबा’ तथा रूस में ‘ताशकंद मैन’ को नेताजी माना जाता रहा परन्तु ठोस बात कभी निकलकर सामने नहीं आई. अभ केन्द्र सरकार नेताजी से संबंधित गोपनीय फाइलों को क्रमवार ढ़ंग से सार्वजनिक करने ता रहा है. उम्मीद की जाती है कि भारत मां के इस सपूत के रहस्य से पर्दा उठ सकेगा. भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 25 फाइलों की डिजिटल प्रतियों को हर महीने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है.

अभिलेखागार जल्द ही नेताजी से संबंधित 100 फाइलों को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराएगा. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, नेताजी की जयंती 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक करेंगे. इससे इन फाइलों को सुलभ कराने के लिए लंबे समय से चली आ रही जनता की मांग पूरी होगी. यही नहीं, इससे विद्वानों को नेताजी पर आगे और अनुसंधान करने में भी सुविधा होगी.

बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार प्रारंभिक संरक्षण उपायों और डिजिटीकरण के बाद नेताजी से संबंधित 100 फाइलों को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराएगा. अभिलेखागार ने नेताजी पर 25 फाइलों की डिजिटल प्रतियों को हर महीने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में अपने आवास पर नेताजी के परिवार के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात में घोषणा की थी कि भारत सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करेगी और उन्हें जनता के लिए सुलभ बनाएगी.

बयान के अनुसार, 33 फाइलों की पहली खेप पीएमओ द्वारा सार्वजनिक की गई थी और चार दिसंबर, 2015 को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दी गई थी.

इसके बाद गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने भी अपने पास मौजूद संबंधित संग्रह में शामिल नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिन्हें बाद में भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को स्थानांतरित कर दिया गया. कुछ और फाइलों को प्रधानमंत्री कार्यालय से भी स्थानांतरित कर दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को वर्ष 1997 में रक्षा मंत्रालय से इंडियन नेशनल आर्मी (आजाद हिंद फौज) से संबंधित 990 फाइलें प्राप्त हुई थीं और वर्ष 2012 में खोसला आयोग (271 फाइलें) और न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग (759 फाइलें) से संबंधित कुल 1030 फाइलें गृह मंत्रालय से प्राप्त हुई थीं. ये सभी फाइलें सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 के तहत जनता के लिए पहले से ही उपलब्ध हैं.

आजाद हिंद फौज का दुर्लभ वीडियो-

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