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ज्यादा मीठा या नमकीन से पक्षियों को खतरा

नई दिल्ली | एजेंसी: बचे-खुचे बेकार भोज्य पदार्थ खिलाए जाने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि विशेषज्ञों के मुताबिक ये भोज्य पदार्थ इन पक्षियों के खान-पान की आदतों का हिस्सा नहीं होते हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पक्षियों की 500 प्रजातियां पाई जाती हैं.

यह समस्या दिल्ली के प्रसिद्ध 15वीं सदी के लोधी गार्डन में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है.

ग्रीन सर्किल ऑफ देलही के संस्थापक सुहास ब्रोकर ने बुधवार शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कहा, “कई लोग नियमित तौर पर गार्डन में आते हैं और पक्षियों को अत्यधिक मीठे और नमकीन भोज्य पदार्थ खिलाते हैं. इससे पक्षियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.”

इस समस्या पर ‘दिल्ली में पक्षियों के लिए पर्यावरणीय क्षेत्र की रक्षा’ विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में विचार किया गया. परिचर्चा का आयोजन लोधी गार्डन की 78वीं वर्षगांठ पर ग्रीन सर्किल ऑफ देलही ने किया था.

लोधी गार्डन के बागवानी विभाग के सहायक निदेशक जितेंद्र कौशिक ने इस परिचर्चा में कहा, “बाग-बगान पक्षियों के प्राकृतिक आवास हुआ करते हैं. आमतौर पर उन्हें परेशान नहीं किया जाता है, लेकिन इस तरह के भोज्य पदार्थ खिलाए जाने से वे बीमार पड़ रहे हैं.”

परिचर्चा में मौजूद एक चिकित्सक ने कहा कि इस तरह के भोज्य पदार्थो के कारण पक्षियों का रंग खराब हो रहा है और उनमें कैंसर फैल रहा है.

चैरिटी बर्ड्स अस्पताल में वेटरीनेरियन प्रभारी सुनील कुमार भट्ट ने कहा, “लोग मेरे अस्पताल आकर कहते हैं कि उनके तोते के पंख का रंग हरा नहीं है. ऐसा इसलिए होता है कि उन्हें सही प्रकार का भोजन नहीं मिलता है. पक्षियों को अनाज और पानी दिया जाना चाहिए.”

भट्ट ने यह भी कहा कि पक्षियों को आम तौर पर मिट्टी के बर्तन में खिलाया जाता है. इस बर्तन की जगह स्टील या एल्युमिनियम के बर्तन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

दिल्ली बर्ड ग्रुप के मुताबिक मध्य अमेरिकी देश पनामा के बाद दिल्ली दुनिया में पक्षियों की सर्वाधिक आबादी वाला शहर है. पनामा में पक्षियों की 518 प्रजातियां पाई जाती हैं.

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