राष्ट्र

उत्तरप्रदेश, क्राइम प्रदेश बना: मायावती

लखनऊ | एजेंसी: बसपा की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि उत्तरप्रदेश, क्राइम प्रदेश बन गया है. मायावती ने उप्र की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा के राज में उत्तर प्रदेश अब क्राइम प्रदेश बन गया है. राज्य में ईमानदार एवं निष्ठावान अधिकारियों का शोषण किया जा रहा है. मायावती अपने 58वें जन्दिन पर लाखो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही.

मायावती ने कहा कि देश की विरोधी पार्टियां एक दलित बेटी की बढ़ती ताकत को पचा नहीं पा रही हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां अंदरखाने एकजुट होकर बसपा के खिलाफ माहौल बना रही हैं, इसलिए इनके हथकंडों से हमेशा सावधान रहने की जरूरत है.

मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर रमाबाई स्थल पर मौजूद लाखों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि हमेशा यह देखने में आया है कि समाजवादी पार्टी , कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी चुनाव के दौरान हमेशा ही बसपा के खिलाफ एकजुट हो जाती हैं.

मायावती ने कहा, “वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सपा, कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर बसपा के प्रत्याशियों को हराने का काम किया था. नतीजा यह रहा कि बसपा को 80 में से 20 लोकसभा सीटों पर विजय तो मिली लेकिन 47 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही.”

मायावती ने कहा कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी तीनों पार्टियों ने मिलकर बसपा के खिलाफ साजिश की. इन तीनों पार्टियों को एक दलित की बेटी की बढ़ती ताकत का डर सता रहा है.

मायावती ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान इन तीनों पार्टियों के अंदरूनी गठजोड़ को तोड़ना होगा और इसके लिए हर बैठक में कार्यकर्ताओं को यह बातें अच्छी तरह से समझाई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि उप्र में चारों तरफ हत्या, लूट, दुष्कर्म, अपहरण आम बातें हो गई है. उप्र में सपा के गुंडे और माफिया हावी हैं. अधिकारियों पर भी इन गुंडों का खौफ साफ तौर पर देखा जा सकता है.

मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस मिलकर वहां सियासी रोटियां सेंक रही हैं. सपा की सरकार बनने के बाद से ही उप्र में दंगों की बाढ़ आ गई है. पूरा राज्य दंगों की मार झेल रहा है.

कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया. सांप्रदायिक दंगों के बाद वहां रह रहे लोगों को सपा ने षडयंत्रकारी बताया तो कांग्रेस ने राहत शिविरों में आईएसआई घुसपैठ की बात कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की.

मायावती ने कहा कि सही मायने में कांग्रेस को दंगे के तुरंत बाद ही वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए था, जिससे वहां सांप्रदायिक सौहार्द कायम हो सके.

उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह अपना जन्मदिन सादगी से मनाएगी.

मायावती ने अपने संबोधन के दौरान देश के 20 राज्यों से आए कार्यकर्ताओं को यह समझाने का प्रयास किया गया कि किस तरह बसपा के खिलाफ बड़ी पार्टियों ने हमेशा एकजुट होकर काम किया, लेकिन इसके बावजूद वह दलितों के हितों के लिए मजबूती से मैदान में डटी रही.

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