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यूपी के बेतुके गृह सचिव

लखनऊ | समाचार डेस्क: उत्तरप्रदेश के गृह सचिव का मानना है कि ठंड से बच्चों की मौत नहीं होती है. उन्होंने आगे कहा है कि यदि ऐसा होता तो साईबेरिया में कोई इंसान जिंदा नहीं होता.

उत्तर प्रदेश के गृह सचिव अनिल कुमार गुप्ता के इस बेतुके बोल से सभी लोग आश्चर्य चकित रह गयें हैं. उधर दूसरी तरफ राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है.

उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों ने मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में रहने वाले पीड़ितों पर बेतुका बयान देने वाले प्रमुख सचिव,गृह अनिल कुमार गुप्ता के बयान को गैर जिम्मेदाराना और असंवेदनहीन बताते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “गुप्ता का बयान बहुत गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनहीन है. इतने जिम्मेदार पद पर बैठे लोग उन गरीबों के प्रति ऐसी भावना रखते हैं जो ठंड में मर रहे हैं. ऐसे संवेदनहीन व्यक्ति को प्रमुख सचिव, गृह जैसे पद नहीं होना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “जिस तरह गुप्ता कह रहे हैं कि ठंड से कोई मर नहीं सकता, ऐसे में बहुत संभव है कि कल किसी अपराधी के गोली मारने से किसी की मौत होती है तो प्रमुख सचिव, गृह नई व्याख्या कर देंगे कि मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि ज्यादा खून से बहने से हुई.”

गौरतलब है कि प्रमुख सचिव, गृह अनिल कुमार गुप्ता ने गुरुवार को संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कि क्या राहत शिविरों में बच्चों की मौत ठंड से हुई, गुप्ता ने कहा था कि ठंड से किसी की मौत नहीं होती. अगर ऐसा होता तो साईबेरिया में कोई इंसान जिंदा नहीं होता. उन्होंने हालांकि माना था कि राहत शिविरों में 34 बच्चों की मौत हुई.

उधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार कुतर्को के सहारे अपनी नाकामियों का बचाव कर रही है.

उन्होंने कहा कि नौकरशाही दंगा पीड़ितों को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान के बाद ये साबित करने में जुटी है कि वहां पर सब ठीक है.

पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्पष्ट करें कि प्रमुख सचिव, गृह का बयान क्या राज्य सरकार का बयान है? अगर नहीं तो उन्हें पद से हटाएं.

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि इस तरह के संवेदनहीन बयान देने वाले अधिकारी को राज्य सरकार तुरंत पद से हटाए.

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