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US विश्व नेताओं की जासूसी में लिप्त: विकिलीक्स

वाशिंगटन | समाचार डेस्क: विकीलाक्स ने एक बार फिर अमरीका पर विश्व नेताओं की खुफियागिरी करने का आरोप लगयाया है. विकीलीक्स के अनुसार इस बार अमरीका ने बेंजामिन नेतन्याहू, सिल्वियो बर्लुस्कोनी, बान की-मून तथा एंजिला मार्केल की खुफियागिरी की है. विकिलीक्स ने अपने नए आलेख में रहस्योद्घाटन किया है कि अमरीकी सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने विश्व के शीर्षस्थ नेताओं जैसे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी और पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून की खुफियागीरी की है. एफे समाचार एजेंसी के अनुसार, संगठन के आलेख में यह भी कहा गया है कि एनएसए ने जर्मनी की चांसलर एंजिला मार्केल और बान के बीच हुई बैठक की बातें छिपकर सुनीं, जबकि वह यह भली भांति जानती थीं कि अमरीकी खुफिया सेवाओं के लोगों ने अन्य अवसरों पर उनका पीछा किया था.

विकिलीक्स ने यह भी कहा कि एनएसए ने नेतन्याहू और बर्लुस्कोनी के बीच बातचीत, यूरोपीय यूनियन और जापानी अधिकारियों के बीच बैठक और मार्केल और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी की निजी मुलकात की खुफियागीरी की थी.

विकिलीक्स के आलेख के मुताबिक, मार्केल ने बान की-मून से जलवायु परिवर्तन से निपटने के बारे में बातें की थीं, जबकि नेतन्याहू ने बर्लुस्कोनी से अमरीका के ओबामा प्रशासन से पेश आने के मामले में मदद मांगी थी. वहीं सरकोजी ने इटली के पूर्व प्रधानमंत्री को उनके देश की बैंकिंग प्रणाली के खतरों के बारे में आगाह किया था.

इस रहस्योद्घाटन पर विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिक्रिया देखने लायक होगी, क्योंकि बिना किसी कारण के जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव निशाने पर लिए जा सकते हैं तो विश्व के नेताओं से लेकर गलियों में झाड़ू लगाने वाले हर किसी पर खतरा है. ”

उल्लेखनीय है कि विकिलीक्स को जुलाई से अक्टूबर के बीच 2010 में तब प्रसिद्धि मिली जब उसने अफगानिस्तान युद्ध (2001) और इराक युद्ध (2003) के गोपनीय दस्तावेजों को प्रकाशित किया था.

अमरीकी सैनिक चेल्सिया मैन्निंग जो पहले ब्रैडली मैन्निंग के नाम से जानी जाती थीं, उनसे ये दस्तावेज विकिलीक्स को मिले थे.

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