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माफी से अमरीकी इंकार

वाशिंगटन | समाचार डेस्क:देवयानी खोबरागडे के खिलाफ जांच प्रक्रिया रोकने से अमरीका ने इंकार कर दिया है. अमरीका ने कहा है कि ‘हम कानून लागू करने को गंभीरता से लेते हैं.’अमरीका ने गुरुवार को भारत के साथ अपने संबंध को महत्वपूर्ण बताया, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया कि वीजा धोखाधड़ी मामले में वह भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के खिलाफ शिकायत वापस नहीं लेगा.

अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हार्फ ने कहा, “यह सच नहीं है. खोबरागडे मामले में समर्थन करना या न करना विदेश विभाग का काम नहीं है. यह काम पुलिस और कानून प्रवर्तन का है.” हार्फ ने कहा, “हम निश्चित रूप से इस तरह के आरोप को गंभीरता से लेते हैं. इसलिए इस तरह की बातचीत नहीं चल रही. हम सिर्फ प्रक्रिया को आगे बढ़ता देखना चाहते हैं.”

गौरतलब है कि खोबरागडे को कूटनीतिक अधिकार दिलाने के प्रयास के तहत भारत ने उनका तबादला संयुक्त राष्ट्र के स्थायी अभियान में कर दिया है. लेकिन हार्फ का कहना है कि यह अधिकार पूर्व के मसले पर प्रभावी नहीं है. हार्फ ने कहा कि विदेश विभाग को खोबरागडे को दोबारा अधिकृत मान्यता देने के लिए किसी उचित संस्था का आधिकारिक अनुरोध नहीं मिला है.

उन्होंने अमरीका के राजनीतिक मामलों के उप सचिव वेंडी शेरमैन औपर भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह के बीच हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए कहा, “लेकिन हम फिलहाल रिश्ते को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.” हार्फ का कहना है कि अमरीका दोनों देशों के रिश्ते को आगे ले जाने की दिशा में काम कर रहा है, तथा इस मामले पर न्याय व्यवस्था अपना काम कर रही है और भारत सरकार से बातचीत जारी है.

इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत अमरीका के ‘मजाक’ को स्वीकार नहीं करेगा. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के खिलाफ आरोपों को वापस लेने की मांग की. कमलनाथ ने मीडियाकर्मियों से कहा, “हम किसी भी अमरीकी औपचारिकता को स्वीकार नहीं करेंगे और अमरीका को आरोपों को वापस लेकर माफी मांगनी होगी. हम इस मजाकबाजी को स्वीकार नहीं करेंगे.”

कमलनाथ ने कहा कि अमरीका को समझने की आवश्यकता है कि समय बदल गया है, दुनिया बदल गई है और इसलिए भारत भी बदल गया है. कमलनाथ अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मेरी हार्फ के उस बयान पर प्रतिक्रिया प्रकट कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा कि खोबरागडे के खिलाफ आरोपों को वापस नहीं लिया जाएगा.

गौरतलब है कि विएना में 24 अप्रैल 1964 में 189 देशों की संधि हुई थी. जिसमें राजनयिकों को कुछ विशेष छूट दिये गये थे. अमरीका ने भी इस विएना संधि पर हस्ताक्षर किया था. देवयानी खोबरागडे को विएना संधि के मुताबिक यह छूट प्राप्त है. लेकिन तमाम दुनिया में मानवाधिकार का ढ़िंढ़ोरा पीटने वाला अमरीका जब अपना मौका आया तो अकड़ रहा है तथा गलती को सुधारने के लिये जांच को रोकने से तैयार नहीं है.

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