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भारत, चीन को पछाड़ेगा: UN

संयुक्त राष्ट्र | समाचार डेस्क: यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की विकास दर चीन से ज्यादा रहने जा रही है. संयुक्त राष्ट्र ने भारत की विकास दर का अनुमान मौजूदा वर्ष के लिए 1.7 फीसदी बढ़ाकर 7.6 फीसदी और अगले वर्ष के लिए 1.4 फीसदी बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया. उल्लेखनीय है कि विकास दर अधिक होने का अर्थ जीडीपी भी अधिक होना नहीं है. यह केवल विकास की दर की तुलना है.

विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट-2015 की मंगलवार को जारी छमाही समीक्षा में यह अनुमान जारी किया गया है और इसके जरिए भारत की विकास दर को चीन से भी अधिक रखा गया है.

संयुक्त राष्ट्र विकास नीति एवं विश्लेषण विभाग की मूल रिपोर्ट जनवरी में जारी की गई थी. उसमें भारत की विकास दर इस साल के लिए 5.9 फीसदी और अगले साल के लिए 6.3 फीसदी रखा गया था. मूल रिपोर्ट और ताजा समीक्षा में चीन की विकास दर इस साल के लिए सात फीसदी और अगले साल के लिए 6.8 फीसदी रखा गया है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.

उल्लेखनीय है कि कई और प्रमुख वैश्विक संगठनों ने भी भारतीय विकास दर का ऊंचा अनुमान व्यक्त किया है.

गत सप्ताह संयुक्त राष्ट्र के एशिया और प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय विकास दर इस वर्ष 8.1 फीसदी और अगले साल 8.2 फीसदी रह सकती है.

यूएनडीईएसए के आर्थिक मामलों के अधिकारी और भारतीय विशेषज्ञ इंगो पिटरले ने कहा कि तेज विकास दर की वापसी से भारत में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है.

पिटरले ने कहा कि भारत के अधिकारियों ने गत दो साल में बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा, “2013 में भारत को तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के साथ एक समूह में रखा गया था, जिसकी अर्थव्यवस्था संकट ग्रस्त थी.”

उन्होंने कहा, “आज सभी संकेतक काफी अलग दिख रहे हैं.”

भारत की आर्थिक नीति के बारे में पिटरले ने कहा, “केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जो भी बदलाव किए गए हैं, वे सही दिशा में किए गए हैं.”

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