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UK माल्या को नहीं सौप रही है

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: ब्रिटिश सरकार ने शराब कारोबारी विजय माल्या को सौंपने से इंकार कर दिया है. इसकी जानकारी राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने जदयू के शरद यादव के एक सवाल के जवाब में बताया. उन्होंने सदन को सूचित किया कि भारत सरकार विजय माल्या को भारत लाने के लिये आरोपपत्र दाखिलकर उसका प्रत्यारोपण करवायेगी. राज्यसभा में सदन के नेता जेटली, जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद बोल रहे थे.

यादव ने कहा, “सरकार ने कहा है कि हम उन्हें वापस लाएंगे. ब्रिटेन ने साफ तौर पर इससे इंकार किया है और कहा है कि उन्हें वापस भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता. यह व्यक्ति यहां से इतनी चीजें लेकर चला गया, सरकार तब सो रही थी.”

जेटली ने जवाब में कहा कि जांच एजेंसियों ने उन्हें भारत को सौंपने की मांग की थी, लेकिन ब्रिटेन ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया.

जेटली ने कहा, “जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं. जांच के क्रम में, चूंकि उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है, जांच एजेंसियों ने माल्या को सौंपने का ब्रिटेन से आग्रह किया.”

जेटली ने स्पष्ट किया कि वह अभी इस मामले में जानकारी जुटा रहे हैं.

उन्होंने कहा, “मुझे अब तक यह पता चला है कि अगर किसी व्यक्ति ने वैध पासपोर्ट पर प्रवेश किया हो और बाद में उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाता है तो उसे निर्वासित नहीं किया जा सकता.”

उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के अनुसार आरोपपत्र दाखिल करने के बाद हम प्रत्यर्पण की मांग कर सकते हैं. यह एक अन्य कानूनी प्रक्रिया है.”

जेटली ने कहा कि ब्रिटेन ने इससे पहले भी ऐसा किया है.

ब्रिटिश सरकार ने माल्या के निर्वासन की भारत सरकार की मांग को अस्वीकार करते हुए भारत से आवश्यक आपसी कानूनी सहायता या प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करने को कहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बुधवार को एक बयान में कहा, “उन्होंने भारत से आवश्यक आपसी कानूनी सहायता या प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करने को कहा है.”

ज्ञात हो कि माल्या राज्यसभा के सदस्य थे. पिछले सप्ताह उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया था.

ऊपरी सदन की आचार समिति ने उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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