कलारचना

‘उड़ता पंजाब’ मनोरंजन फिल्म

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: अभिनेता जीतेन्द्र ने विवादित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को मनोरंजन फिल्म कहा है जिसका मकसद मात्र मनोरंजन है. जीतेन्द्र ने फिल्म के नाम को सही ठहराते हुये कहा है कि इसका मकसद केवल और केवल अन्य फिल्मों की तरह मनोरंजन करना है पंजाब को बदनाम करना नहीं है. दरअसल विवाद की जड़ फिल्म के नाम में पंजाब शब्द का होना है. आलोचकों का कहना है कि फिल्म से ऐसा जाहिर होता है कि मानों संपूर्ण पंजाब नशे की गिरफ्त में है. खुद को गर्व से ‘पंजाब का बेटा’ कहने वाले दिग्गज अभिनेता जीतेंद्र का कहना है कि फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ का मकसद राज्य की बदनामी करना नहीं है. फिल्म का निर्माण उनके बैनर ‘बालाजी मोशन पिक्चर्स’ ने किया है.

सेंसर बोर्ड ने सोमवार को ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माताओं को पंजाब शब्द हटाने को कहा है. यह फैसला शायद राजनीति से प्रेरित है और राज्य में सत्तारूढ़ दल के दबाव में किया गया है, जिसे नशे की बढ़ती समस्या से निपटना पड़ रहा है.

उधर, ‘उड़ता पंजाब’ के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने कहा है कि फिल्म पंजाब की वास्तविक स्थिति का ‘ईमानदारीपूर्ण’ चित्रण है. फिल्म नशे की समस्या से जूझते पंजाब पर आधारित है. अनुराग ने सोमवार रात ट्वीटर पर लिखा, “उड़ता पंजाब’ से ज्यादा ईमानदार कोई फिल्म नहीं है. इसका विरोध करने वाले असल में नशे को बढ़ावा देने के दोषी हैं.”

जीतेंद्र के बेटे तुषार कपूर ने अपने पिता का संदेश अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया.

संदेश में जीतेंद्र ने कहा, “जीतेंद्र : हम पंजाब के लोगों का सम्मान करते हैं और कभी भी उनकी भावनाओं को आहत नहीं करना चाहेंगे. हम हमेशा सीबीएफसी की सही सलाह पर चलेंगे. फिल्में मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं, बदनामी के लिए नहीं. हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है, क्योंकि मुझे खुद पंजाब का बेटा होने पर गर्व है.”

शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर और दिलजीत दोसांझ अभिनीत फिल्म युवाओं के नशे में डूबने पर आधारित है.

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