छत्तीसगढ़

महानदी पर त्रिपक्षीय बैठक

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: महानदी पर छत्तीसगढ़, ओडिशा और केन्द्र सरकार की त्रिपक्षीय बैठक संपन्न हुई. यह बैठक शनिवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई. इस बैठक में महानदी के बहाव को मापने के लिए छत्तीसगढ़ की सीमा पर गाज़ स्टेशन लगाने के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रस्ताव को सीडब्लूसी ने अपनी मंजूरी दे दी है.

इस त्रिपक्षीय बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि तथ्य यह बताते है कि छत्तीसगढ़ में निर्माणाधीन सभी जल परियोजनाओं के बाद भी महानदी में इतना पानी शेष बचता है कि इससे हीराकूद बांध 5 से 7 बार तक भरा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि महानदी में मानसून में जल का प्रवाह 96 प्रतिशत और गैर-मानसून में केवल 4 प्रतिशत होता है, इसलिए किसी भी बांध में केवल वर्षा का जल ही संचय रहता है. उन्होंने कहा कि आंकड़े यह भी दर्शाते है कि इन्हीं बांधों के चलते 70 के दशक से गैर-मानसून समय में नदी में पानी के बहाव में वृ़द्धि देखी गयी है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ ने केवल 274 एमसीएम नई जल संग्रहण क्षमता निर्मित की है जो की बांधों में सिल्टिंग के कारण हुई खोई क्षमता से भी कम है.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि महानदी पर वह हर तरह की बातचीत और विचार विमर्श के लिए हमेशा तैयार है और बातचीत से ही इस विषय का समाधान निकलेगा. उन्होंने ओडिशा के सामने दोनों राज्यों का एक कंट्रोल बोर्ड बनाने का प्रस्ताव भी रखा और कहा कि इससे भविष्य के सभी परियोजनाओं के लिए भी आपसी सामजंस्य की राह बनेगी.

बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय जल संसाधन और नदी विकास मंत्री सुश्री उमा भारती ने की. बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और मुख्य सचिव विवेक ढांड भी उपस्थित थे.

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