स्वास्थ्य

मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज संभव

न्यूयॉर्क | एजेंसी: दुनिया भर के 23 करोड़ लोग मल्टीपल स्केलेरोसिस प्रभावित हैं. एक एंटीऑक्सीडेंट दवा से इसका इलाज संभव हो सकता है. मानवीय कोशिकाओं के भीतर नुकसान से लड़ने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा एक दर्जन साल से भी पहले बनाई गई इस दवा ने चूहे में मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारी के लक्षणों को बदला है.

ओरिगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक पी. हेमचंद्र रेड्डी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया कि ‘मिटो क्यू’ एंटीऑक्सीडेंट ने तंत्रिका अपक्षयी बीमारियों से लड़ने के कुछ लक्षण दिखाए हैं.

बायोकिमिका इन बायोफिजिका एक्टा मोलेक्युलर बेसिस ऑफ डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि इस एंटीऑक्सीडेंट ने पहली बार किसी जानवर पर स्केलेरोसिस जैसी बीमारी में काफी बदलाव दिखाया है.

शोधकर्ताओं ने चूहे में मानव की एमएस के समान बीमारी, एक्पेरिमेंटल ऑटोइम्यून इंसेफलोमाइलिटीज बीमारी को उत्प्रेरित किया.

अध्ययन में बताया गया कि 14 दिन के बाद चूहे का मिटोक्यू से इलाज किया गया जिसने भड़काऊ चिन्हकों को कम किया और रीढ़ की हड्डी में तंत्रिकात्मक गतिविधियों को बढ़ाया, जिससे जाहिर हुआ कि उपचार से ईएई के लक्षणों में सुधार हुआ.

चूहे में एनॉक्स या तंत्रिका तंतुओं की हानि में कमी के साथ-साथ ईएई से जुड़ी स्नायविक विकलांगताओं में भी कमी देखी गई.

ओरिगन नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर में सहायक वैज्ञानिक रेड्डी ने बताया, “मिटोक्यू ने न्यूरॉन्स की सूजन को भी कम किया. ये परिणाम वास्तव में उत्साहजनक हैं. यह एमसए के विरुद्ध लड़ाई में नया मोर्चा हो सकता है.”

रेड्डी के दल का अगला कदम दिमाग के विभिन्न क्षेत्रों में मिटोक्यू तंत्रिका सुरक्षा के तंत्र को समझना है.

मल्टीपल स्केलेरोसिस तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के तंत्रिका तंतुओं के आसपास, माइलिन या रक्षात्मक आवरण पर हमला करती है. कुछ अंतर्निहित तंत्रिका तंतु नष्ट हो रहे होते हैं.

इसके परिणाम में धुंधली दृष्टि, अंधापन, संतुलन खोना, कटु भाषण, कंपकंपी, संवेदनशून्यता और स्मृति एवं तन्मयता में परेशानी जैसे लक्षण हो सकते हैं.

One thought on “मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज संभव

  • Beena Devi

    What is a medicin of multipulscerocic ????? And give your no. So I contact u and then I come to your hospital so give me address of your hospital but first u send me no. in my gmail

    Reply

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