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टीटी को जमानत मिली

नई दिल्ली | एजेंसी: तरूण तेजपाल को सर्वोच्य न्यायालय से जमानत मिल गई है.गौरतलब है कि तेजपाल को नवंबर, 2013 में गोवा में एक होटल में कनिष्ठ महिला सहकर्मी के यौन-उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की पीठ ने तेजपाल को जमानत देते हुए कहा, “मामले के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए हमारी राय है कि याचिकाकर्ता जमानत पाने के हकदार हैं.”

गोवा सरकार को ऐसी आशंका थी कि तेजपाल साक्ष्यों को प्रभावित कर सुनवाई में हस्तक्षेप कर सकते हैं, इस पर न्यायालय ने तेजपाल को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा न करने के लिए आगाह किया.

न्यायालय ने कहा, “याचिकाकर्ता गवाहों को न तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रलोभन, धमकी देंगे और न ही उस पर दबाव डालेंगे. न्यायालय गोवा सरकार को यह छूट देती है कि जमानत की शर्तो का उल्लंघन करने पर वह आवेदन दे सकती है.”

न्यायालय ने निचली अदालत को मामले की सुनवाई आठ महीने के अंदर पूरी करने के निर्देश दिए और तेजपाल को सुनवाई के दिन मौजूद रहने और सुनवाई के अनवाश्यक स्थगन की मांग न करने के आदेश दिए.

न्यायालय ने कहा कि अगर तेजपाल किसी वजह से सुनवाई के दौरान उपस्थित होने में असमर्थ हैं, तो वह न्यायालय से इसकी अनुमति लेंगे और जांच एजेंसी को इसकी जानकारी देंगे.

न्यायालय ने तेजपाल से कहा कि यदि उन्होंने अब तक अपने पासपोर्ट निचली अदालत में जमा नहीं कराए हैं तो अब ऐसा करें.

सरकार की तरफ से जमानत का विरोध करने के लिए वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल न्यायालय में पेश हुए और कहा कि उनकी इस बात को लेकर शंका जायज है कि तेजपाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. उनकी शंकाओं को बल देने के लिए उनके पास सबूत मौजूद है.

न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा, “यह आज की शंका है. अगर यह शंका सच साबित होती है, तब आप हमारे पास आ सकते हैं और हमारे द्वारा दिए गए जमानत को बदलने या वापस लेने की मांग कर सकते हैं.”

न्यायालय ने कहा कि तेजपाल नवंबर से जेल में हैं और 153 गवाहों को उपस्थित होने में तीन साल लग जाएंगे.

न्यायालय ने कौल की उस तर्क को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने पीड़िता और चार प्राथमिक गवाहों से निचली अदालत में जिरह करने की अनुमति मांगी थी.

न्यायालय ने कहा, “त्वरित सुनवाई आवश्यक है. 153 गवाहों के साथ त्वरित सुनवाई कठिन है. इसमें तीन साल लगेगा.”

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने तेजपाल की अंतरिम जमानत की अवधि एक जुलाई तक के लिए बढ़ा दी थी.

सर्वोच्च न्यायालय ने 19 मई को उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार के कर्मकांड को पूरा करने के लिए तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी.

तीन जून को अंतरिम जमानत की अवधि अंतिम संस्कार से जुड़े अन्य कर्मकांडों को पूरा करने के लिए 27 जून तक के लिए बढ़ा दी गई थी.

तेजपाल पर 18 फरवरी को दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए गए थे.

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