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तमिलनाडु में बस्तर की 60 युवतियां बंधक

कोंडागांव | संवाददाता: बस्तर संभाग की 60 आदिवासी युवतियों को तमिलनाडु की एक फूड प्रोसेसिंग कंपनी द्वारा बंधक बनाकर जबरदस्ती काम करवाने की बात सामने आई है. आरोप लगाने वाले ऋषि विद्यालय गायत्री शक्तिपीठ, लंजोड़ा के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के समक्ष इन युवतियों को मुक्त कराने की मांग की है. संस्था ने इसके बारे में आयोग को तथ्यात्मक जानकारी भी उपलब्ध कराई है.

संस्था के पदाधिकारियों हरिसिंह सिदार, कुमारी जानो मरकाम, श्याम बाई नेताम ने आयोग को बताया है कि बंधक बनाई गई सभी आदिवासी युवतियां अविविवाहित हैं और वे नारायणपुर जिले की ग्राम बोरवाल, तीरनार, बड़ेजमरी, करमरी, नयानार की रहने वाली हैं.

तमिलनाडु की उस फूड प्रोसेसिंग कंपनी के बड़ी मुश्किल से भागी युवती राजेश्वरी सलाम निवासी जनकपुर कांकेर ने बताया कि वहां 60 युवतियों को बेहद बुरी स्थिति में बंधक बना कर रखा गया है. इन युवतियों से जबरदस्ती कार्य कराया जाता और उनमें से कई को केमिकल का काम करवाए जाने से चर्म रोग भी हो गया है लेकिन कंपनी द्वारा युवतियों का इलाज भी नहीं कराया जाता है.

राजेश्वरी बताती है कि कंपनी के लोगों द्वारा उनमें से कुछ लड़कियों को अलग कमरे में सोने के लिए विवश भी किया जाता है जिससे बंधक लड़कियों के साथ यौन शोषण होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है. यह युवती कंपनी का नाम तो बताने में असमर्थ है लेकिन इसने उन लड़कियों के साथ हो रहे शोषण की जानकारी आयोग को दी है. अब ऋषि विद्यालय गायत्री शक्तिपीठ ने आयोग से मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है.

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