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दिल्ली में होगा भारी मतदान: सर्वे

नई दिल्ली | एजेंसी: दिल्ली में शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव में 72 फीसदी मतदान की संभावना है. एसोचैम ने एक सर्वेक्षण में शुक्रवार को यह जानकारी दी है. एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण के अनुसार, दिसंबर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान में पांच फीसदी की वृद्धि हो सकती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोग यहां स्थिर सरकार चाहते हैं, न कि पिछली बार की तरह त्रिशंकु.

पिछले बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टियों को खंडित जनादेश मिला था. 70 सीटों वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने 31, जबकि आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती थी.

एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा कि चूंकि दिल्लीवासी एक स्थिर सरकार चाहते हैं, इसलिए इस बार दिल्ली में मतदान में लगभग पांच फीसदी वृद्धि की संभावना है. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 66 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.

सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि उत्तरी, पूर्वी तथा पश्चिमी दिल्ली के मतदाता अपने मताधिकार के इस्तेमाल के लिए बेहद उत्साहित हैं, जबकि दक्षिणी दिल्ली के साथ ऐसा नहीं है.

सर्वेक्षण के दौरान हालांकि 15 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि सप्ताहांत के मौके पर उन्होंने छुट्टियां मनाने की योजना बनाई है और इसके लिए वह दिल्ली से बाहर जाएंगे.

यह सर्वेक्षण दिल्ली की सभी 70 सीटों पर किया गया, जिसमें लगभग 7,000 मतदाताओं का सर्वे किया गया.

दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा 19 वर्षीय रेणु दास शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल करेंगी और वह मतदान को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वह अपने नाखून पर मतदान के दौरान लगाई जाने वाली स्याही का निशान अपने दोस्तों को दिखाने का इंतजार कर रही हैं और सबूत के तौर पर निशान वाली उंगली के साथ सेल्फी लेकर ट्विटर या फेसबुक पर पोस्ट करना चाहती हैं.

रेणु ने कहा, “चूंकि यह मतदान का मेरा पहला अवसर है, इसलिए मैं मतदान केंद्र जल्दी पहुंचने की कोशिश करूंगी. मैं असल में मतदान प्रक्रिया देखना चाहती हूं.”

वह कोशिश करेंगी कि पहली बार मतदान करने वाले उसके दोस्त भी मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे.

उन्होंने कहा कि पहले वह निशान लगी अपनी उंगुली वाली तस्वीर लेंगी और इसे सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड कर देंगी.

उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले अपने दोस्तों को निशान लगी उंगुली दिखाना चाहती हूं.”

दिल्ली चुनाव में इस बार 1.72 लाख मतदाता पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिनकी उम्र 18-19 साल के बीच है.

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने कहा, “हमने मतदान को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई पहल की है. हमें भरोसा है कि पहली बार वोट देने वाले मतदाता बाहर निकल कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे.”

उन्होंने बताया कि शहर में कुल मतदाताओं की संख्या 1,30,85,251 है, जिसमें से 72,60,633 पुरुष और 58,24,618 महिला मतदाता हैं. युवा मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं का 1.31 फीसदी है.

चंद्र भूषण ने कहा, “मतदाता सूची में नाम दर्ज किए जाने की प्रक्रिया 15 अक्टूबर, 2014 को दोबारा शुरू किए जाने पर विशेष पुनर्लेखन में कुल मतदाताओं की संख्या 1,59,854 जुड़ गई.”

सात फरवरी को मतदान का इंतजार कर रहे 20 वर्षीय युसूफ जुनैद को पहली बार ऐसे नेता को वोट देने का मौका मिलेगा, जो उनके अनुसार इस शहर की बेहतरी के लिए काम करेंगे.

जुनैद ने कहा, “मुझे दिसंबर, 2013 में मतदान का मौका नहीं मिला, क्योंकि मैं बाहर था, लेकिन इस बार मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं अपनी लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी को वोट करूंगा.”

उन्होंने कहा, “मैं पहली बार अपने नेता और अपनी पार्टी के लिए मतदान करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं.”

रेणु के अनुसार, शहर में मुख्य मुद्दा अधिक स्कूलों और कॉलेजों की जरूरत, महिला सुरक्षा और युवाओं को रोजगार देना है.

कमला नगर निवासी और निजी कंपनी के कर्मचारी 20 वर्षीय सूरज भाटिया ने कहा कि वह अपने कार्यालय से छुट्टी लेंगे ताकि उन्हें मतदान से वंचित न रहना पड़े.

उन्होंने कहा, “प्रशासन युवाओं को प्रेरित करने के लिए काफी कुछ कर रही है. जो लोग सरकारी दफ्तरों में काम करते हैं, उन्हें मतदान के दिन छुट्टी मिल जाएगी, लेकिन मैं भी यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मुझे छुट्टी भी लेनी पड़े तो मैं वोट करने जाऊंगा.”

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