देश विदेशराष्ट्र

सोनिया अमीर नेताओं की सूची से बाहर

नई दिल्ली | एजेंसी: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम दुनिया के सबसे अमीर नेताओं की सूची में शामिल किए जाने के कुछ दिनों बाद एक अमेरिकी समाचार वेबसाइट हफिंगटन पोस्ट ने उनका नाम सूची से बाहर कर दिया है और कहा कि वह तथ्य का सत्यापन करने में असफल रही.

हफींगटन पोस्ट ने ‘दुनिया के सबसे अमीर नेता आपके अनुमान से भी ज्यादा अमीर हैं’ शीर्षक आलेख के अद्यतन संस्करण के आखिर में एक संपादकीय टिप्पणी में लिखा, “सोनिया गांधी और कतर के पूर्व अमीर हामिद बिन खलीफा अल-थानी को इस सूची से हटा दिया गया है.”

टिप्पणी में यह भी लिखा गया है, “किसी अन्य साइट की सूची के आधार पर पहले सोनिया को सूची में शामिल किया गया था, जिस पर संदेह करते हुए बाद में उसकी जांच की गई.”

टिप्पणी में कहा गया, “हमारे संपादक धन का सत्यापन नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने लिंक हटा दिया और किसी भी भ्रम के लिए खेद जताया है. कतर के अमीर की जगह 2013 में उनके पुत्र तामिन ने ले ली.”

चार दिन पहले हफींगटन पोस्ट ने सोनिया को दुनिया के सबसे अमीर नेताओं की सूची में 12वें स्थान पर रखा था. पोस्ट ने उनकी संपत्ति दो अरब डॉलर आंकी थी, हालांकि यह नहीं बताया था कि वह इस राशि पर किस तरह से पहुंचा.

नई सूची में पहले स्थान पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को रखा गया है. उनकी संपत्ति 40-70 अरब डॉलर आंकी गई है. रूस का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 14,000 डॉलर है.

उनके बाद इस सूची में हैं क्रमश: थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेह, ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया, सऊदी अरब के बादशाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला अजीज अल-साउद और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति तथा अबु धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जाएद अल-नहयान.

हफींगटन पोस्ट ने आलेख के अद्यतन संस्करण में लिखा है, “क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया के सबसे अमीर नेता वास्तव में कितने अमीर हैं?”

इसमें लिखा गया है, “इस इस तरह से समझा जा सकता है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास कई लाख डॉलर की संपत्ति हो सकती है, लेकिन वह अपने समसामयिक कई नेताओं के पास भी नहीं ठहरते.”

हफिंगटन पोस्ट की सूची में फिलहाल सत्ता में रहे राजाओं, राष्ट्रपतियों, सुल्तानों और रानियों को शामिल किया गया है.

सूची में हर नेता की संपत्ति के सामने उनके देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी के आंकड़े को रखा गया है और यह दिखाने की कोशिश की गई है कि विभिन्न देशों में समृद्ध और साधारण लोगों के बीच कितनी बड़ी खाई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!