कलारचना

sex सशक्तिकरण नहीं: सोनाक्षी

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: सोनाक्षी सिन्हा ने दीपिका पादुकोण के ‘माय च्वॉइस’ पर टिप्पणी करते हुये कहा कि सेक्स की आजादी महिला सशक्तीकरण नहीं है. सोनाक्षी ने महिलाओं की बराबरी तब माना है जब रोजगार तथा क्षमता की बराबरी मिले. आज भी बॉलीवुड में सलमान, आमिर तथा शाहरुख को 50 से 75 करोड़ तक का मेहताना हर फिल्म में मिलता है जबकि उसकी तुलना में अभिनेत्रियों को महज 5 से 12 करोड़ में संतोष करना पड़ता है. सोनाक्षी की इस बात में दम है कि महिलाओँ की बराबरी का अर्थ सेक्स की आजादी नहीं मेहताने की बराबरी से भी है. अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा को चर्चित वीडियो ‘माय च्वॉइस’ में प्रतिद्वंद्वी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के कुछ विचार हजम नहीं हो रहे हैं. इस वीडियो का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता लाना बताया गया है. वीडियो में दीपिका शादी से पहले या शादी से इतर शारीरिक संबंध रखने के फैसले सहित कई अन्य मुद्दों पर फैसले लेने की आजादी के बारे में बोलती दिख रही हैं.

सोनाक्षी से यहां मंगलवार को ‘माय च्वॉइस’ पर अपनी राय देने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण का मतलब हमेशा इस चीज से नहीं होता कि आपने किस तरह के कपड़े पहने हैं या आप किसके साथ शारीरिक संबंध रखना चाहती हैं. इसका मतलब रोजगार व क्षमता से होता है.”

उन्होंने कहा, “यह एक अच्छी पहल है..लेकिन मेरा मानना है कि सशक्तिकरण उन महिलाओं का किया जाना चाहिए, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है.”

जाने-माने फिल्म निर्देशक होमी अदजानिया निर्देशित ‘मॉय च्वाइस’ करीब दो मिनट की वीडियो है, जो आजकल सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है. इसे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. दीपिका पादुकोण के ‘माय च्वॉइस’ को अब तक 40 लाख के करीब दर्शकों ने देखा है.

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