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कर्ज चुकाने किडनी बेच रहे किसान

नई दिल्ली: आंध्र में कर्ज चुकाने के लिये किसान अपनी किडनी बेच रहे हैं. कैग की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. किसानों की कर्ज माफी योजना को लेकर पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पांच साल पहले किसानों की कर्ज माफी के लिये 53 हजार करोड़ की योजना शुरु की थी लेकिन किसानों की हालत में सुधार नहीं हुआ.

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 35 राज्यों के लिये शुरु की गई 53 हजार करोड़ रुपये की इस योजना में 57 प्रतिशत रकम केवल आंध्रप्रदेश,उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र को मिली. आंध्र प्रदेश को 11 हजार करोड़ रुपये मिले. लेकिन लगातार तरह-तरह का पुरस्कार पाने वाले इस राज्य में किसानों की हालत और खराब होती चली गई.

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 11 हजार करोड़ की यह रकम किसानों तक पहुंची ही नहीं और अफसर-दलाल पैसा खा गये. जिन्होंने कृषि के लिये कर्जा नहीं लिया था, उनको इसका लाभ दिया गया. कैग ने उदाहरण देते हुये कहा है कि आंध्रप्रदेश ग्रामीण बैंक ने कम से कम 17 कर्जदारों की लोन श्रेणी ही बदल दी. बड़े किसानों को सीमांत किसान बता कर सारा कर्जा माफ कर दिया गया. कैग ने 25 राज्यों के 92 जिलों से 715 बैंक ब्रांचों की गड़बडियां बताई हैं.

इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है किसान क़र्ज़ माफ़ी घोटाले में गड़बड़ी पाए जाने पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि अगर किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो हम कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे.

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