बाज़ार

और लुढ़का रुपया

मुंबई | संवाददाता: 26 जून को भारतीय मुद्रा रुपया, डालर के मुकाबले लुढ़ककर 60.72 पर पहुंच गया. यह ऐतिहासिक रूप से भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन है. इससे पहले कभी रुपया इतने नीचे स्तर पर नही पहुचा था. इसका अर्थ यह हुआ कि जिन वस्तुओं का विदेशो से आयात किया जाता है वे और महंगी हो जायेगीं. ऐसा वस्तु का मूल्य बढ़ने से नही वरन् रुपये के अवमूल्यन से होगा. सेनसेक्स 77 अंक तथा निफ्टी 20 अंक गिर गया.

रिजर्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद रुपये में यह गिरावट आयी है. इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार की अपने मुद्रा रुपये पर पकड़ कमजोर होती जा रही है. अब बाजार की ताकते रुपये के मूल्यो का निर्धारण करेंगी. कुछ समय पहले से ही विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाली में लगे हैं. परिणाम स्वरूप बाजार गिरता जा रहा है.

बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का असर यह रहा कि सेंसेक्स 77 अंक गिरकर बंद हुआ जबकि निफ्टी में 20 अंकों की गिरावट देखी गई. बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स बुधवार को 77.03 अंकों की गिरावट के साथ 18,552.12 अंक पर बंद हुआ. वहीं नैशनल स्टॉक एक्चेंज का इंडेक्स निफ्टी 20.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,588.70 पॉइंट पर बंद हुआ. बुधवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 10.53 अंको की उछाल के साथ 18662.37 पर खुला था.

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