पास-पड़ोस

किसने-किसने TATA का नमक खाया है?

ग्वालियर | समाचार डेस्क: रतन टाटा ने कहा अहिष्णुता एक अभिशाप है. ग्वालियर में सिंधिया स्कूल में बोलते हुये प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा ने कहा, “असहिष्णुता एक अभिशाप है, जिसे हम पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं.” इस पर फहीम हैदर सईद के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, “भक्तों को साँप सुंघ गया क्या?? अपने पप्पा #रतनटाटा जी को Troll नहीं कर रहे!! कैसे करेंगे भाई, नमक से लेकर कार तक सब उन्ही का करम है भारत पर!”

उसके बाद से सोशल मीडिया में रतन टाटा के भाषण के पक्ष और विपक्ष में ट्वीट्स किये जा रहें हैं. टाटा ने कहा, “मैं सोचता हूं कि हर व्यक्ति जानता है कि असहिष्णुता कहां से आ रही है. यह क्या है. देश के हजारों-लाखों लोगों में से हर कोई असहिष्णुता से मुक्त देश चाहता है.”

रतन टाटा ने कहा, “हम ऐसा वातावरण चाहते हैं, जहां हम अपने साथियों से प्रेम करें. उन्हें मारे नहीं, उन्हें बंधक नहीं बनायें, बल्कि आपस में आदान-प्रदान के साथ सद्भावनापूर्वक माहौल में रहें.”

ट्वीटर हैंडल @DilSeyDesi से लिखा गया है, “अब वो रतन टाटा को भी देशद्रोही कहेंगे.” वहीं, प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, “असहिष्णुता और असहमति पर हमले पर रतन टाटा की गंभीर बातें. आप मोदी के घनिष्ठ मित्रों अंबानी और अडानी से ये नहीं सुनेंगे.”

एक धीरज नाम के ट्वीटर हैंडल ने ट्वीट कियाह, “चूंकि अब रतन टाटा ने असहिष्णुता पर बोला है इसलिये कल से सभी टाटा नहीं बाय-बाय कहेंगे.”

 

सलिल त्रिपाठी ने ट्वीट किया, “ओह…अब क्या गिरिराज सिंह और अनुपम खेर रतन टाटा को पाकिस्तान भेजना चाहते हैं?”

 

एक यूजर ने लिखा है, “अब तो भक्तों को सिर्फ़ अनुपम खेर ही बचा सकते हैं. असहिष्णु मार्च…!!” एक ने ट्वीटर पर ही तंज कसा है कि अब भक्त टाटा का देश लिये योगदान पूछेंगे.

दरअसल, भारत में कहा जाता है कि जिसका नमक खाते हैं उसके साथ गद्दारी नहीं करते हैं. जिसका अर्थ होता है जहां से रोजी-रोटी चलती है उसका विरोध नहीं किया जाता है. दूसरी तरफ टाटा का नमक देश का सबसे ज्यादा बिकने वाला नमक है. ट्वीटर पर इसीलिये कहा जा रहा है कि टाटा का नमक खाया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!