कलारचना

प्रीति जिंटा विवाद निजी मामला

मुंबई | न्यूज डेस्क: प्रीति जिंटा और नेस वाडिया का विवाद निजी है. यह राय है फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की. फिल्मी बिरादरी से बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली. निर्देशक तनुजा चंद्रा ने इस मुद्दे पर कहा कि बेहतर होगा कि कानूनी प्रक्रिया के आगे बढ़ने का इंतजार करें. हमें खुद ही जज और जूरी के खेल से बचना चाहिए. वहीं मुनमुन सेन कहती हैं, “यह उनका निजी मामला है.”

प्रीति को लेकर बनी फिल्म संघर्ष का निर्देशन करने वाली तनुजा चंद्रा कहती हैं, “मुझे लगता है, ऐसा उसने काफी सोच-विचार करने के बाद किया है. यह उसका आवेग में उठाया कदम नहीं है. अगर उन्हें लगता है कि उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, तो देश की अन्य महिलाओं की तरह ही उन्हें भी अधिकारियों के पास जाने का पूरा अधिकार है. हमें कानूनी प्रक्रिया के आगे बढ़ने का इंतजार करना चाहिए तथा जज और जूरी के खेल से बचना चाहिए.”

स्वभाव से मुखर पूजा बेदी कहती हैं, “न तो प्रीति झूठ बोल रही हैं और न ही नेस. दोनों ही अच्छे व्यक्ति हैं. जो भी हो रहा है दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है, फैसला अदालत करेगी, हम नहीं.”

नीतू चंद्रा को लगता है यह व्यक्तिगत मामला है. हालांकि वे यह भी कहती हैं कि प्रीति बेवजह चिल्लाने वालों में से नहीं हैं. उनके अनुसार, “जहां तक मैं जानती हूं, वह अच्छी महिला हैं और जीवन को गरिमा के साथ जीने वालों में से हैं. ब्रेक-अप कभी आनंददायक नहीं होता. ब्रेक अप के बाद दोनों को ही सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे के स्वाभिमान को बनाए रखने के प्रति सावधान रहना होगा.”

प्रीति ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को मरीन ड्राइव पुलिस थाने में वाडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि 30 मई को वानखेड़े स्टेडियम में एक क्रिकेट मैच के दौरान वाडिया ने जबरदस्ती उनका हाथ पकड़ा और उन्हें गालियां दी.

अभिनेत्री और सांसद मुनमुन सेन हालांकि प्रीति के साहस की प्रशंसा करती हैं. उनके अनुसार, दोनों को बैठकर बात करनी चाहिए और इसे सुलझाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हो सकता है गाली-गलौज पहले भी हुआ हो, लेकिन सार्वजनिक तौर पर ऐसा होने से मामला बिगड़ गया हो. निश्चित रूप से दोनों को बैठकर इसे सुलझाना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कहेंगे, यह पूरी तरह उनका मामला है.”

मूवी गुरु शैलेंद्र सिंह इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं. उनका कहना है, “प्रेमी-प्रेमिका के झगड़े को राष्ट्रीय महत्व मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. चर्चा के लिए देश के सामने कई गंभीर मुद्दे हैं.” जाहिर है, इस विवाद को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है, वह कहीं न कहीं बताता है कि दूसरों के मामले में हस्तक्षेप से फिल्मी दुनिया बचना चाहती है.

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