छत्तीसगढ़

चना समर्थन मूल्य से कम में

रायपुर | समाचार डेस्क:छत्तीसगढ़ में बीते दो साल में जो चना 5 हजार रुपये क्विंटल तक बिका, वह आज 21 सौ-25 सौ रुपये क्विंटल तक की कीमत पर बिक रहा है. गौरतलब है कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ बीज निगम ने चने का समर्थन मूल्य 42 सौ रुपये क्विंटल तय किया था.

सूबे में बीते वर्ष इसकी फसल भी काफी अच्छी थी. अन्य प्रांतों में भी फसल अच्छी होने की वजह से चना की लिवाली एवं उठाव में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से इसका भाव अब काफी नीचे जा रहा है. अभी भी सूबे की बड़ी मंडियों में रोजाना 15 सौ क्विंटल से ऊपर चने की आवक हो रही है.

छत्तीसगढ़ में इस दफे चना और तिवरा के भाव लगभग बराबर हो गए हैं. सूबे में उन्हारी जिले के नाम से चर्चित बेमेतरा के किसान इस परिवर्तन से भौंचक्क हैं, क्योंकि चना व तिवरा के दाम में लगभग दोगुना का अंतर रहता था. जानकार बताते हैं कि यह स्थिति पहली बार आई है कि चना एवं तिवरा के रेट बराबर हो गए हैं.

बताया जाता है कि इस वर्ष भी यहां पर काफी मात्रा में चना बोया गया जिसकी फसल भी काफी अच्छी है. यही वजह है कि चने का भाव अब बढ़ने की संभावना नजर नहीं आ रही है. दाल मिल वालों का कहना है कि उन्होंने चने में इतनी मंदी बीते दस सालों में कभी नहीं देखी. तिवरा की फसल के लिए किसी भी प्रकार की देखरेख की आवश्यकता नहीं होती और यह आसानी से किसान अपने खेतों में पैदा करते हैं.

आज भी मंडी में तिवरा 21 सौ लेकर 22 सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बिक रहा है. तिवरा की दाल बंगाल, ओडिशा एवं महाराष्ट्र में ज्यादा खाई जाती है.

दाल मिल व्यवसायी ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि चने में बीते दो साल से लगातार मंदी की वजह से मिल मालिकों को काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ रहा है. वैसे यह आइटम यहां के अलावा देश के सभी प्रांतों में ज्यादा है. बहरहाल, कृषक के साथ-साथ व्यापारी भी चना की कीमतों में बेतहाशा गिरावट से हैरान हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!