छत्तीसगढ़

कुलियों ने बचाया छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस

यमुनानगर | समाचार डेस्क: दो कुलियों की सतर्कता से अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई. अन्यथा अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को जिस रेल लाइन से गुडरना था वह टूटी हुई थी. जाहिर है कि इस ट्रेन में छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा थी. अमरउजाला की खबरों के अनुसार जगाधरी रेलवे स्टेशन पर बुधवार रात दो कुलियों की सतर्कता से बड़ा रेल हादसा होने से बच गया. प्लेटफार्म नंबर-दो की टूटी लाइन पर नजर पड़ते ही दोनों ने स्टेशन मास्टर व जीआरपी को सूचना दी. तुरंत कंट्रोल रूम में मेसेज कर अलर्ट जारी कर दिया गया.

गनीमत रही कि 11 बजे कुलियों की टूटी लाइन पर नजर पड़ गई और दस मिनट के भीतर रेलवे अधिकारियों ने इस ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों का रूट बदल दिया जबकि इसके दो मिनट पहले ही चार किलोमीटर पीछे जगाधरी वर्कशॉप स्टेशन से (18238) अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस छूटी, जिसे इसी टूटे ट्रैक से 11:13 बजे निकलना था. समय रहते कुलियों द्वारा सूचित करने पर ट्रेन का रूट बदलकर प्लेटफार्म नंबर-एक पर कर दिया गया. इससे एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया.

जगाधरी रेलवे स्टेशन के छोटी लाइन के दुर्गा गार्डन निवासी कुली अनिल और छछरौली निवासी कुली कर्मजीत ने बताया कि बुधवार रात करीब 10:45 बजे वे स्टेशन पर (12232) चंडीगढ़-लखनऊ सद्भावना एक्सप्रेस की सवारी को छोड़ने गए थे. गाड़ी जाने के बाद वे प्लेटफार्म नंबर-2 से गुजर रहे थे तो उनकी नजर एसएम ऑफिस के सामने डाउन ट्रैक (नंबर-2) की टूटी लाइन पर पड़ी. प्लेटफार्म से लगती लाइन का (अंबाला की तरफ का) टूटा टुकड़ा जमीन में धंसा हुआ था. उन्होंने इसकी सूचना स्टेशन मास्टर सतीश कुमार को दी.

स्टेशन पर तैनात जीआरपी के कर्मी राजबीर व जगमाल ने इस बारे में जीआरपी थाना प्रभारी जसविंदर सिंह को अवगत कराया. सूचना पाकर स्टेशन मास्टर सतीश कुमार और थाना प्रभारी जसविंदर सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की. तुरंत कंट्रोल रूम में मेसेज कर अलर्ट जारी किया. साथ ही इस ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों का रूट बदल दिया गया.

एक तरफ एनाउंसमेंट, दूसरी ओर ट्रैक की टूटी लाइन
करीब 11 बजे कुली अनिल व कुलदीप की ट्रैक की टूटी लाइन पर नजर पड़ी. तब स्टेशन पर (18238) अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस गाड़ी के आवागमन की एनाउंसमेंट हो रही थी. जिसे इसी ट्रैक से 11:13 बजे निकलना था और यह करीब चार किलोमीटर पिछले स्टेशन जगाधरी वर्कशॉप से छूट चुकी थी. ऐसे में ट्रैक की टूटी लाइन को देख रेलवे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. दस मिनट के भीतर कंट्रोल रूम में संदेश देने के बाद इस ट्रैक की गाड़ियों का रूट बदल दिया गया. इसके बाद डाउन ट्रैक की (18238) अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सहित (13050) अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस व (13006) अमृतसर-हावड़ा मेल दो नंबर के बजाय प्लेटफार्म नंबर एक से गुजरीं. इस बारे में एनाउंसमेंट कर यात्रियों को कुछ देर पहले सूचित कर दिया गया. यात्री पुल के सहारे प्लेटफार्म नंबर-1 पर पहुंचे और यहीं से अपनी गाड़ियां लेकर रवाना हुए.

टार्च के सहारे डेढ़ घंटे की मशक्कत कर ट्रैक सुचारु
करीब साढ़े ग्यारह बजे से गैंगमैन व अन्य कर्मियों ने ट्रैक को सुचारु करने का प्रयास किया. इस दौरान कर्मियों के पास रोशनी के उचित प्रबंध नहीं दिखे, वे सिर्फ टॉर्च के सहारे ही काम करते नजर आए. दो नंबर ट्रैक पर काम चलता रहा और एक नंबर से गाड़ियां चलती रहीं. करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक को सुचारु कर दिया गया और डेढ़ बजे (13308) फिरोपुर-धनबाद एक्सप्रेस को इस पर से निकाला गया.

जसविंदर सिंह, प्रभारी, जीआरपी थाना, जगाधरी रेलवे स्टेशन ने कहा, “मामले की सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी गई. प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यह किसी की शरारत नहीं है, गहनता से जांच की जा रही है. आगे जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.”

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