राष्ट्र

रेल किराया वृद्धि का चौतरफा विरोध

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: ज्यादातर दलों ने यात्री-माल भाड़े में वृद्धि का विरोध किया है. इससे मोदी सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, रेल मंत्री सदानंद गौड़ा का कहना है कि यूपीए सरकार द्वारा जो अंतरिम रेल बजट पेश किया था उसमें रेल यात्री किराए और माल भाड़े की दर में संशोधन लाने का फैसला लिया गया था.

जानिये किस नेता ने क्या कहा

लालू प्रसाद यादव
संवाददाताओं से बातीचत करते हुए राजद नेता ने कहा, “यह मोदी सरकार का लोगों को पहला बड़ा झटका है. इस तरह की वृद्धि अप्रत्याशित है. जब भी भाजपा सत्ता में आती है मूल्य वृद्धि साथ में लाती है.”

नीतीश कुमार

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री का दायित्व निभा चुके जनता दल-युनाइटेड के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “यह कोई सामान्य वृद्धि नहीं है, यह भारी वृद्धि है. वे उस समय जब संसद का सत्र आसन्न है तब किराया में वृद्धि कर एक गलत परंपरा की नींव डाल रहे हैं.”

वृंदा करात
मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता बृंदा करात ने कहा कि इससे लोगों पर बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा, “पहले से ही मूल्य वृद्धि से जूझ रहे लोगों पर यह भारी बोझ डालेगा.”

अजय माकन

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने यहां मीडिया से कहा, “रेलवे किराये में वृद्धि का मतलब खाने-पीने की चीजों के परिवहन खर्च में वृद्धि होता है जिससे खाद्य पदार्थ और महंगे हो जाएंगे.” उन्होंने कहा, “विपक्ष में रहते हुए वे मूल्यवृद्धि के लिए संप्रग सरकार की आलोचना किया करते थे और अब उन्होंने पूरा यू-टर्न ले लिया है और उनकी सरकार इस तरह का फैसला ले रही है.”

जयललिता
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने शुक्रवार को रेल यात्री किराया और मालभाड़े में वृद्धि किए जाने को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इससे ईंधन के दाम बढ़ेंगे. उन्होंने बढ़ोतरी वापस लिए जाने की मांग की. उन्होंने रेल किराये में बढ़ोतरी के केंद्र सरकार के फैसले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली नई सरकार भी पूर्ववर्ती कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों का अनुसरण कर रही है. जयललिता के अनुसार, मोदी सरकार को रेलवे की समस्याएं दूर करने के लिए राजस्व का वैकल्पिक स्रोत तलाशना चाहिए.

डेरेक ओ ब्रायन

केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को रेल किराये में की गई वृद्धि की तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना की है. उसने कहा कि संसद की चिंता किए बगैर उठाए गए इस कदम से आम आदमी पर बोझ और बढ़ जाएगा. तृणमूल के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, “रेल बजट के पहले क्या यह सुपर रेल बजट है?” ओ ब्रायन ने कहा, “सरकार को संसदीय प्रणाली की कोई चिंता नहीं. पहले से ही बोझ उठा रहे आम आदमी का बोझ और बढ़ा दिया गया.”

नवीन पटनायक

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को ‘अच्छे दिन’ का सपना देखाने वाली और गरीबों की सरकार होने का दावा करने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा रेल किराये में की गई वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे मध्यवर्ग विरोधी और गरीब विरोधी कदम बताया. यहां एक बयान में उन्होंने कहा, “यात्री किराये में वृद्धि से देशभर के रेलयात्रियों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ने जा रहा है, खासकर स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले गरीब लोगों की जेब पर इसका बुरा असर पड़ेगा.”

वी.एस. अच्युतानंदन

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता वी.एस. अच्युतानंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता को यह पहला झटका है. उन्होंने कहा, “इससे जाहिर होता है कि एनडीए सरकार की नीतियां यूपीए सरकार जैसी ही हैं. इससे केरल को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि यहां सभी चीजें बाहर से आती हैं. जब मालभाड़े में वृद्धि हुई है, तो यहां हर चीज मूल्य में तत्काल वृद्धि होगी.”

error: Content is protected !!