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सरकार गरीबों को समर्पित: मोदी

सहारनपुर | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने “विकास रैली’ को सम्बोधित करते हुये कहा उनकी सरकार गरीबों को समर्पित है. उन्होंने केन्द्र सरकार के उन योजनाओं के बारें में बताया जो गरीबों के लिये शुरु की गई है. प्रदानमंत्रई ने कहा अब किसानों को उनकी एक तिहाई फसल भी खराब होने पर मुआवजा दिया जाता है. फसल काटने के बाद भी खराब होने पर मुआवजे का प्रावधान रका गया है. चूल्हा फूंकने वाले गरीबों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया जा रहा है. केन्द्र सरकार की ओर से ग्राम पंचायतो को हर साल 80 लाख से 1 करोड़ रुपयों तक की धनराशि दी जा रही है. जिससे गांवों का विकास हो सके.

उन्होंने चुनौती दी कि क्या कभी आपने सुना है मोदी सरकार ने पैसा खाया है? उन्होंने कहा दो साल पहले सरकार के भ्रष्ट्राचार की खबरें आया करती थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि दो वर्ष पहले देश में निराशा का माहौल था अब उत्सव का माहौल है. देश आगे बढ़ना चाहता है. नौजवान विकास चाहते हैं. विकास ही सारी समस्याओं का समाधान है. बाकी बातें वोट बैंक के लिए होती हैं. प्रधानमंत्री ने दावे के साथ कहा कि बहुत ही जल्द उप्र के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा करूंगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना से गरीब से गरीब लोगों को बैंक से जोड़ने का काम किया है. मुसीबत में यह योजना गरीबों का सहारा बनेगी.

केंद्र में सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर सहारनपुर में ‘विकास रैली’ को सम्बोधित करते हुए यह बातें कही.

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं ने स्वच्छता के अभियान को अपना बना लिया है. छोटा बच्चा भी आज जागरूक हो चुका है. यह अभियान अमीरों के लिए नहीं है. यह गरीबों के लिए है. गरीब बीमार होता है तो उसका रोजगार बंद हो जाता है. गंदगी से बीमारी आती है तो गरीबों का ज्यादा खर्च होता है.

उन्होंने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि हर महीने की 9 तारीख को कोई भी गरीब प्रसूता मां आती है तो वे नि:शुल्क उसका इलाज करेंगे. गर्भावस्था में कभी कभी इलाज के आभाव में महिला की मौत हो जाती है. 12 महीने में 12 दिन तो डॉक्टर माताओं के नाम कर सकते हैं.

मोदी ने कहा कि चिकित्सकों के रिटायरमेंट की उम्र अब 65 वर्ष की जाएगी. इसका फैसला जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट में लिया जाएगा.

इससे पूर्व मोदी ने कहा कि यह देश बदल रहा है लेकिन कुछ लोगों का दिमाग नहीं बदल रहा है. उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद अपने काम का हिसाब देने आया हूं. प्रधान सेवक के रूप में देशवासियों की सेवा करने का निरंतर प्रयास करता रहा हूं.

मोदी ने कहा, “सरकारें आती हैं और जाती हैं. चुनाव होते हैं. लेकिन सरकार बनती है, जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिए. दो वर्षो के दौरान देश ने भली भांति केंद्र सरकार के काम को देखा है और परखा है. संसद में जब एनडीए के सभी सांसदों ने नेता के रूप में चुना था तभी मैंने कहा था कि यह सरकार देश के गरीबों को समर्पित है.”

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षो के दौरान उन कामों को हाथों में लिया है जो गरीबी के खिलाफ लडाई लड़ने की ताकत दें. कोई मां-बाप नहीं चाहता है कि उसकी संतानों को विरासत में गरीबी मिले.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की हमेशा ही कोशिश रही है कि राज्यों को हमेशा ताकतवर बनाया जाए. सरकारें जनता की भलाई के लिए काम करें. पहले 65 प्रतिशत धन केंद्र के पास और 35 प्रतिशत धन राज्यों के पास होता था.

उन्होंने कहा कि हमने सबसे काम यही किया है कि अब केंद्र सरकार के पास केवल 35 प्रतिशत पैसा रहेगा जबकि 65 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को मिलेगा. यह ऐतिहासिक फैसला था. इससे राज्य को मजबूती मिली है.

मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को 2 लाख करोड़ रुपये देने की योजना बनाई है. केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष कहीं 80 लाख रुपये कहीं एक करोड़ रुपये की धनराशि ग्राम पंचायतों में पहुंच रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मुख्य मकसद गांवों का विकास करना है. सरकार ने उन योजनाओं को हाथ लगाया है जिससे गरीबों के जीवन में बदलाव आएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब 14 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया था. इसकी चिंता किसी को नहीं थी. गन्ना किसानों को ताकत देने के लिए पिछली सरकारों ने कभी चिंता नहीं की. उन्होंने कहा कि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से इसका इसका भुगतान कराया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दो गुना करने का संकल्प लिया है. यह सिर्फ जुमला नहीं है. हमने पहला काम हाथ में लिया है. वैज्ञानिक तरीके से जमीनों का रखरखाव जरूरी है.

मोदी ने कहा कि जिन राज्यों में पानी का संकट है, वहां के मुख्यमंत्रियों से बात की है. उन्होंने आग्रह किया कि इस वर्ष बरसात में अधिक से अधिक पानी की बचत की जाए. इससे प्राकृतिक आपदा से निपटने में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले आधी फसल खराब होती थी तो उसे मुआवजा मिलने का हकदार माना जाता था. अब किसान के खेत में यदि एक तिहाई नुकसान हुआ तो किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खेत से फसल काटकर रखी हो और इसी समय प्राकृतिक आपदा आ गई उस स्थिति में भी उसको बीमा योजना का लाभ मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो वर्ष पहले की स्थिति काफी भयावह थी. आए दिन भ्रष्टाचार की खबरें आती थी. बड़े बड़े लोग इसमें लिप्त पाए जाते थे. क्या कुर्सी पर जनता का पैसा लूटने के लिए ही बैठाया जाता है.

मोदी ने कहा कि दो वर्ष के बाद क्या आपने कभी सुना है कि मोदी सरकार ने पैसा खाया है. क्या विरोधियों ने कभी इस तरह का मुद्दा उठाया है. लाखों लोगों के बीच खड़ा होकर अपना हिसाब देने की हिम्मत किसी में नहीं थी.

उज्‍जवला योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या गरीबों को लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते हुये जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. देशवासियों से ही काम करने की प्रेरणा मिलती है.

उन्होंने कहा कि देश के एक करोड़ से अधिक परिवार ने रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दिया है. पिछले वर्ष ही 3 करोड़ लोगों को गैस का कनेक्शन दे दिया गया है और आने वाले समय में पांच करोड़ लोगों को दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इतना बड़ा निर्णय पिछले 50 वर्षो में किसी भी सरकार ने नहीं लिया है.

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