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नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया

पटना | समाचार डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नीतीश ने राजधानी पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी ने राज्यसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से नीतीश की पार्टी जद-यू के पास कुल 115 सीटें थीं. वहीं भाजपा के पास 89, लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल के पास 21 सीटें हैं. कांग्रेस के पास चार सीटें हैं.

बिहार में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए. भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने कांग्रेस एवं अन्य के समर्थन से विश्वासमत प्राप्त किया था.

वहीं भारतीय जनता पार्टी को आम चुनाव में अकेले दम पर बहुमत मिला है. उसे कुल 282 सीटों पर विजय हासिल हुई है. वहीं भाजपा गठबंधन एनडीए को 335 सीटें मिली हैं.

नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है.

उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा करते हुये कहा कि “हमने अपना अभियान मुद्दों पर केंद्रित किया और उसी के आधार पर लोगों के पास समर्थन मांगने गए थे. हमें अपेक्षित समर्थन नहीं मिला. इसकी नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए मैंने त्यागपत्र दिया है.”

नीतीश कुमार ने कहा कि “वैकल्पिक सरकार बनने का रास्ता खुला हुआ है. जो भी प्रक्रिया होगी, राज्यपाल उसे देखेंगे. हमने तो गुडबाय कह दिया, अब जिसे जो करना है वह करे.”

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि “भाजपा से रिश्ते तोड़ना सही निर्णय था. वह निर्णय सिद्धांत पर आधारित था. मुझे अफ़सोस यह है कि कोई सैद्धांतिक लाइन ले नहीं सकता. हमने वोट के आधार पर निर्णय नहीं लिया था.”

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनावों में जदयू को सिर्फ 2 सीटें मिल पाई हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को भी हार का मुँह देखना पड़ा है.

नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद बिहार भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि “लगे हाथ बिहार में सरकार भी बना लेते हैं”. इससे पहले भी हाल ही में भाजपा में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान ने भी कहा था कि बिहार सरकार जल्द ही गिर सकती है.

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