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अरुणाचल की नई सरकार असंवैधानिक

भाजपा शासित राज्यों में किसान आत्महत्या, व्यापमं घोटाले के बाद भी सरकारे नहीं गिराई जाती है. अरुणाचल प्रदेश की तरह से गैर-भाजपा शासित राज्यों में भी संविधान का उलंघन कर असैविधानिक सरकारों को स्थापित किया जायेगा. एक साक्षात्कार में अरुणाचल प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आरोप लगाया. तुकी ने बातचीत में कहा, “केंद्र सरकार ने कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के नाम पर मेरी सरकार को गिरा दिया. ये अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों में भी संविधान के अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करेंगे और अरुणाचल की तर्ज पर असंवैधानिक सरकार को स्थापित करेंगे.”

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि क्यों नहीं केंद्र सरकार भाजपा शासित महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाती है जहां सरकारें किसानों की आत्महत्या, भर्ती घोटाले समेत अन्य मुद्दों को सुलझाने में विफल रही हैं.

उन्होंने पुल को शपथ दिलाने के लिए प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा की भी आलोचना की.

उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा के अनुसार राज्यपाल को चाहिए था कि एकल बहुमत दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते, लेकिन महामहिम ने नहीं किया और कालिखो पुल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिला दी जबकि वह कांग्रेस विधायक दल के नेता तक नहीं थे. हालांकि वह जानते थे कि मामला कोर्ट में लंबित है, फिर भी उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया जो संसदीय लोकंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपाल राजखोवा को तुरंत हटाने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने संविधान की रक्षा करने की जगह उसकी हत्या कर दी.

तुकी ने कहा, “16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद उन्हें 26 विधायकों का समर्थन प्राप्त है इसलिए बहुमत अभी मेरे पास है.” जबकि पिछले शुक्रवार की रात पुल ने कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के साथ शपथ ले ली. पुल की सरकार को भाजपा के 11 और 2 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन किया है. हालांकि भाजपा बाहर से सरकार का समर्थन कर रही है.

तुकी ने कहा, “पुल के नेतृत्व में कांग्रेस के बागी विधायकों और भाजपा के अपवित्र गठबंधन को हमलोग चलने नहीं देंगे और न्याय के लिए अदालत में लड़ाई लड़ते रहेंगे.”

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