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नेपाल: माओवादी विपक्ष की भूमिका निभाएंगे

काठमांडू | एजेंसी: नेपाली संविधान सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी यूसीपीएन-माओवादी ने रविवार को कहा कि पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाएगी, लेकिन संविधान तैयार करने की प्रक्रिया में अन्य दलों को मदद करेगी.

नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिरस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) संविधान सभा में क्रमश: सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूपीसीएन-माओवादी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ ने अंतर्राष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में यहां संविधान सभा की पहली बैठक को संबोधित करते हुए घोषणा की कि उनकी पार्टी सरकार में शामिल नहीं होगी.

प्रचंड ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी नया संविधान तैयार करने में अन्य पार्टियों को मदद करेगी.

2008 के चुनाव में माओवादी पार्टी नेपाल में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी थी, लेकिन वह अपना कद बरकरार नहीं रख पाई. पिछले वर्ष 19 नवंबर को हुए दूसरे संविधान सभा के चुनाव में माओवादी तीसरे स्थान पर पहुंच गए.

प्रचंड ने कहा, “हमारी प्राथमिकता में न सरकार है और न यह कि नेपाल का अगला राष्ट्रपति कौन होगा. हम विपक्ष में बैठेंगे और संविधान तैयार करने में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल को मदद करेंगे.”

इसके साथ ही प्रचंड ने अन्य दलों को आगाह किया कि वे उन्हें कोई छोटी पार्टी न समझे, “क्योंकि हम नेपाल की जारी शांति प्रक्रिया के हिस्सा हैं और मैंने उस शांति करार पर हस्ताक्षर किया है.”

उल्लेखनीय है कि 2006 में इस करार पर सरकार और माओवादियों ने हस्ताक्षर किए थे, और इसके साथ ही नेपाल में राजनीतिक बदलाव का रास्ता साफ हुआ था. करार के मुताबिक नेपाल में दो बार संविधान सभा का चुनाव हुआ है, लेकिन संविधान निर्माण का बड़ा एजेंडा पूरा होना अभी भी बाकी है.

प्रचंड ने कहा, “यदि माओवादी पार्टी को छोटा दल समझा गया, तो यह भारी भूल होगी.”

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