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भूकंप पीड़ितों को खाना-टेंट चाहिये

काठमांडू | समाचार डेस्क: भूकंप से तबाह नेपाल को खाना, पानी,दवा तथा रहने के लिये टेंट की जरूरत है. नेपाल के उच्चाधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. अब तक भारत, चीन, पाकिस्तान तथा श्रीलंका ने नेपाल में राहत सामग्री भेजी है नेपाली अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इन चीजों की और जरूरत है. शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप और रविवार को भूकंप के झटकों के बाद नेपाल में लोगों को इन बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है और सरकार यह सामान उन्हें वितरित करना चाहती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यहां पर यह जानकारी दी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक राजधानी काठमांडू में एक प्रेस वार्ता में नेपाल के मुख्य सचिव लीला मणि पौड्याल ने कहा कि सरकार ने भारत, चीन और अन्य दूसरे देशों से नेपाल को और अधिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है.

सरकार का यह बयान शनिवार को आए भीषण जलजले और रविवार दोपहर को लगे झटकों के बाद आया है. नेपाल में दसियों हजार लोग ठंडे मौसम में पिछले दो दिनों से खुले में रात बिता रहे हैं और बुनियादी चीजों की मांग कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि भूकंप से नेपाल में चारों ओर तबाही का मंजर है राजधानी काठमांडू में ज्यादातर इमारतें ढह गई हैं.

मुख्य सचिव ने कहा, “हम कठिन परिस्थितियों में रह रहे भूकंप पीड़ितों को पीने का पर्याप्त पानी, सूखा भोजन, चटाइयां और दवाएं वितरित कराने में समर्थ नहीं हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार तेजी से बचाव कार्य करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.”

उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार देश के दूर-दराज के गांवों में बचाव दल भेजने में असमर्थ है. इसके लिए उन्होंने खराब मौसम और कठिन भौगौलिक स्थिति का हवाला दिया.

हिमालय की गोद में बसे इस देश के मध्य, पश्चिमी, मध्य-पश्चिमी और सुदूर पश्चिमी क्षेत्रों को शनिवार को 7.9 तीव्रता से आए भूकंप ने हिला दिया. दो दिन से नेपाल में लोग बिजली के बिना रह रहे हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि बिजली आपूर्ति मंगलवार सुबह तक शुरू की जा सकती है.

संचार सेवा भी अभी बहाल होनी है. नेपाल सरकार अभी तक भूकंप में तबाह हुए घरों की संख्या का पता नहीं लगा पाई है और न ही इस बात का अभी तक पता चला है कि इस भूकंप में कुल कितनी संपत्ति को नुकसान हुआ है.

मुख्य सचिव ने कहा, “हमारे पास राजधानी के बाहर और राजधानी में भूकंप के कारण घरों और संपत्ति के क्षतिग्रस्त होने के कोई पुख्ता आंकड़े नहीं हैं. यह हमारा प्रारंभिक आकलन है कि इस भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए घरों की संख्या मारे गए लोगों और घायलों की संख्या से 10 गुना अधिक होगी.”

सिन्हुआ के मुताबिक गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढाकल ने कहा कि भूकंप में बुरी तरह प्रभावित हुए 11 जिलों में राहत एवं बचाव कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता है.

शनिवार को आए भूकंप में नेपाल के काठमांडू, भक्तपुर, ललितपुर, रासुवा, धाडिंग, गोरखा, सिंधौली, रामेछाप, सिंधुपाल चौक, लामजंग और कावरेपालनचौकी जिले बुरी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

नेपाल सरकार ने सोमवार को पांच हॉटलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोगों की शिकायतें सुनी जा सकें. इसके अलावा सरकार ने छह बैंक खाते भी खोले हैं ताकि अगर किसी को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करना है तो वह कर सकता है.

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