राष्ट्र

मुंबई: जहरीली शराब से 87 मरे

मुंबई | समाचार डेस्क: मुंबई के मलाड में जहरीली शराब से शनिवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 हो गई. राज्य सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. मामले में कम से कम 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

पुलिस उपायुक्त धनंजय कुलकर्णी, जो पुलिस प्रवक्ता भी हैं, ने बताया कि इस मामले में मृतकों की संख्या अबतक 87 हो गई है. जबकि 34 व्यक्तियों का आठ सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

पुलिस अबतक घटना के संबंध में लगभग 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें 15 मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं और पाच अपराध शाखा द्वारा. गिरफ्तार लोगों को 26 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में दे दिया गया है.

मामले की जांच कर रही पुलिस की अपराध शाखा ने अवैध शराब कारोबार के चार अन्य सरगनाओं के लिए पूरे मुंबई और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया है.

आबकारी विभाग के निलंबित अधिकारियों में राजेंद्र सालुंखे, जगदीश देशमुख, वर्षा वेंगुलकर और धनंजय दलवी शामिल हैं.

अधिकारियों ने कहा कि इन सभी को विभागीय जांच का भी सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ये अपने अधिकार क्षेत्र में अवैध शराब की गतिविधियों को पकड़ नहीं पाए.

शुक्रवार को आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया, जिनमें मालवणी पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक प्रकाश एस. पाटील के अलावा तीन अधिकारी और चार कांस्टेबल शामिल हैं.

चूंकि मामले में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है, लिहाजा मुंबई पुलिस ने लक्ष्मीनगर झुग्गी बस्ती और अन्य इलाकों में घर-घर तलाशी शुरू की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी ने वहां जाकर शराब खरीदी और पी तो नहीं.

मृतकों में अधिकांश लक्ष्मी नगर झुग्गी बस्ती के थे. ये वाहन चलाने या दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे. इन सभी ने बुधवार रात राठोड़ी गांव के एक बार में घटिया देसी शराब पी थी.

इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भाजपा-शिव सेना सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मालवणी की घटना माफिया पर सत्ता में मौजूद लोगों का वरदहस्त होने का परिणाम है.

चव्हाण ने कहा, “भाजपा शासन में माफिया और अपराधी संरक्षण पा रहे हैं. सिर्फ कुछ पुलिस या आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने से राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती.”

मुंबई के पुलिस उपायुक्त राकेश मारिया ने स्थानीय डीसीपी तथा एसीपी से घटना की रपट मांगी है और अवैध शराब के कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश दिए हैं.

राज्य में 23 दिसंबर, 2004 के बाद जहरीली शराब से हुई मौतों का यह पहला बड़ा मामला है. वर्ष 2004 में भी जहरीली शराब से 87 लोगों की मौत हो गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!