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युद्ध विरोधी थे मोहम्मद अली

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: महान मुक्केबाज मुहम्मद अली ने वियतनाम युद्ध का विरोध किया था. उन्होंने उसमें भाग लेने के लिये सैनिक बनने से इंकार कर दिया था. इस कारण से उनपर चार वर्षो के लिये प्रतिबंध लगा दिया गया था. मुहम्मद अली को उनके निधन के बाद दुनिया भर से श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस कड़ी में माइक टायसन, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं. अली ने 32 साल तक पार्किंसन बीमारी से संघर्ष किया, उसके बाद एरिजोना में उनका नधन हो गया.

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अली को दो जून को श्वास संबंधी दिक्कत की वजह से अमरीका के एरीजोना के फीनिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इतिहास के महान मुक्केबाज अली तीन हैविवेट खिताब जीतने वाले पहले मुक्केबाज थे. वह अमरीका में अश्वेत लोगों के अधिकारों के हक में बोलने के लिए जाने जाते थे. अली इस्लाम कबूल करने से पहले ‘कैसियस क्ले’ के नाम से जाने जाते थे. उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था.

1967 में उन्होंने धार्मिक और नैतिक कारणों का हवाला देते हुए वियतनाम में मुकाबला खेलने से मना कर दिया था जिसके कारण उनपर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था. वह उस समय शानदार फॉर्म में थे.

Muhammad Ali on not going to war-

टायसन ने अली की मौत पर ट्वीट कर लिखा, “उनके लिए भगवान आए थे. काफी लंबा सफर था.”

पूर्व विश्व विजेता लेननोक्स लुइस ने ट्वीट कर लिखा, “पुरुषों में विशाल, अली ने प्रतिभा और साहस में महानता का परिचय दिया. जिसे हम सब हमेशा अपने आप में सम्मिलित करेंगे.”

अली से प्रसिद्ध रमबल इन जंगल मुकाबले में हारने वाले दो बार के विश्व हैविवेट विजेता जॉर्ज फोरेमेन ने कहा, “अली, प्रजिएर और फोरमेन हम सब एक थे. मेरा एक हिस्सा चला गया.”

फुटबाल के महान खिलाड़ी पेले ने भी अली के निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, “खेल की दुनिया को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. अली मेरे दोस्त, मेरे आदर्श, मेरे हीरो थे. हमने कई पल साथ बिताए हैं. हमारे बीच वर्षो तक अच्छी दोस्ती रही. मैं काफी उदास हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांती दे. भगवान उनके परिवार को प्यार और ताकत दे.”

Fidel Castro y Mohamed Alí-

अली को महान ओलम्पियन बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा, “वह ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने पूरी दुनिया के लोगों के दिलों में जगह बनाई. वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल के अलावा भी बहुत कुछ थे. वह शांति और सहनशीलता के लिए लड़ने वाले खिलाड़ी थे.”

क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने अली को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “वह बचपन से मेरे हीरो थे. मैं हमेशा उनसे मिलना चाहता था, लेकिन अब यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाएगी.”

हाल ही में फ्रेंच ओपन के मिश्रित युगल का खिताब जीतने वाले भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने ट्वीट किया, “सार्वकालिक महान, हर बच्चे को सपना देखने का मौका देने के लिए शुक्रिया. मैं आपके कारण विश्वास करता हूं.”

बीजिंग ओलम्पिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर सिंह ने ट्वीट किया, “अली सर आप हमेशा ही लिजेंड रहेंगे. हम सब आपको याद करेंगे.”

चार बार शादी करने वाले अली की सात बेटियां और दो बेटें हैं. उनका अंतिम संस्कार उनके गृहनगर लुइसविले में किया जाएगा. इतिहास के सबसे महान मुक्केबाज अली ने 1981 में संन्यास ले लिया था. इसके जल्द बाद ही उनमें सुस्ती और तंत्रिका संबंधी बीमारी के लक्षण देखने को मिले. उनका पार्किं संस बीमारी का इलाज भी चला.

अली पिछले कुछ वर्षो में कई बार अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. 2015 की शुरुआत में भी उन्हें मूत्र संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी बाद में निमोनिया के रूप में पहचान हुई.

अली हर सार्वजनिक उपस्थिति में पहले से ज्यादा कमजोर दिखने लगे थे. अंतिम बार वह नौ अप्रैल को सार्वजनिक रूप से देखे गए थे.

अली का जीवन उनकी चौथी पत्नी लोन्नी के साथ काफी शांत गुजरा. दोनों की शादी 1986 में हुई थी.

अली की मौत का सदमा मुक्केबाजी जगत के अलावा पूरे विश्व को लगा है क्योंकि वह रिंग के बाहर और अंदर एक जानी-मानी शख्सियत थे.

उनका इस्लाम कबूल करना, नाम बदलना और वियतनाम युद्ध का विरोध करने से देश में ध्रुवीकरण की स्थिति पैदा हो गई थी.

इसके बाद वह आजादी, शांति और समानता के संदेश के कारण शांति के प्रतीक बन गए थे.

Muhammad Ali speaking on life, religion & racism-

उनके साथ लंबे समय तक रहने वाले बॉब अरूम ने कहा, “एक महान शख्स ने हमें छोड़ दिया. अली ने इस देश को बदला और पूरे विश्व में अपनी भावना से प्रभाव डाला.”

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